जैविक खेती के लिए प्रति एकड़ 12 हजार का अनुदान: डीएओ

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: राज्य के 13 जिलों में नालंदा दूसरा जिला है, जहां जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत जैविक खेती के लिए चयनित किया गया है। इस योजना के लिए गठित किसान समूह के प्रत्येक किसान को 11 हजार 560 रुपए प्रति एकड़ की दर से जैविक खेती करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। जानकारी गुरुवार को जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने दी।

उन्होंने बताया कि जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत जो दूसरी योजना जिले में चलाई जा रही है वह बिहार सरकार के सात निश्चय के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत सूक्ष्म सिचाई पद्धति की भूमिका अहम है। इस योजना को अपनाने से लगभग 60 प्रतिशत जल, 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक तथा 30 से 35 प्रतिशत लागत का बचत होता है। यहीं नहीं सूक्ष्म सिचाई पद्धति से 25 से 30 प्रतिशत अधिक उत्पादन होता है। इस योजना के तहत ड्रिप सिचाई पद्धति, ड्रिप मिनी व माइक्रो स्प्रिंकलर के अतिरिक्त किसान पोर्टबुल स्प्रिंकलर को किसान अपना सकते हैं। सभी किस्म के किसानों के लिए ड्रिप सिचाई पद्धि्त अपनाने पर 90 प्रतिशत, पोर्टबुल स्प्रिंकलर के लिए लघु सीमांत किसान के लिए 55 प्रतिशत तथा अन्य किसानों के लिए 45 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। यहीं नहीं जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण संरचनाओं जैसे पक्का चैकडैम, साद अवरोध बांध, आहर-पईन का जीर्णोद्धार मेड़बंदी व स्टैगड टेंच आदि का निर्माण कार्य किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन के तहत खाद में अवशेष का इस्तेमाल करने के प्रति प्रोत्साहित करना आवश्यक किया गया है। इसके लिए बिचाली तथा भूसा संग्रहण के लिए व्यवसायियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहीं नहीं जलवायु अनुकूल कृषि प्रणाली के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के लिए आठ जिलों में नालंदा का भी चयन किया गया है।

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