आजादी के अमृत महोत्सव पर चकाचक होंगे 75 तालाब

-जल संक्षरण के साथ पर्यावरण संरक्षण के काम आएंगे ये तालाब

-15 अगस्त 2023 तक इन सभी तालाबों का होगा जीर्णोद्धार
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कोट-
अमृत सरोवर योजना से जिले के 75 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं रहने के कारण नए तालाबों की खोदाई संभव नहीं हो पाएगी। प्राप्त सूची के आधार पर 49 तालाबों का सत्यापन किया गया है और चार तालाबों को चिह्नित कर कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें राघोपुर के दो, प्रतापगंज का एक और छातापुर का एक तालाब शामिल है। अतिक्रमित तालाबों को अतिक्रमणमुक्त भी कराया जाएगा।

-अविनाश कुमार झा
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा
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जागरण संवाददाता, सुपौल : आजादी के अमृत महोत्सव पर जिले के 75 सरकारी तालाब चकाचक होंगे। जल संरक्षण के साथ ही ये तालाब पर्यावरण संरक्षण के काम भी आएंगे। मनरेगा से इन तालाबों का जीर्णोद्धार होगा। फिलहाल विभाग ने चार तालाबों को चिन्हित कर उसपर काम भी शुरू कर दिया है। जीर्णोद्धार का कार्य हर हाल में 15 अगस्त 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना है।
मिथिला की पहचान के संबंध में कहा जाता है कि पग-पग पोखर माछ मखान सरस बोल मुस्की मुख पान इ थीक मिथिलाक पहचान। इस पहचान को आजादी के अमृत महोत्सव पर और सु²द्ध किया जाएगा। इस क्षेत्र में तालाबों की कमी नहीं है, विभाग को फिलहाल 79 सरकारी तालाबों की सूची प्राप्त हुई है जिसमें से 75 का जीर्णोद्धार किया जाना है। ऐसे सभी तालाबों का नाम अमृत सरोवर होगा। मनरेगा से पुराने सरकारी तालाबों की खोजबीन शुरू कर दी गई है। फिलहाल 49 तालाबों का सत्यापन मनरेगा द्वारा किया गया है। इसमें से 26 पर काम शुरू किया जा सकता है। इसमें से चार तालाबों को चिन्हित कर काम शुरू कर दिया गया है। इसमें राघोपुर में दो, प्रतापगंज में एक और छातापुर में एक तालाब शामिल है। यदि तालाब अतिक्रमित पाए जाते हैं तो उसे अतिक्रमण से मुक्त भी किया जाएगा। जीर्णोद्धार के साथ-साथ तालाबों के मेड़ पर पौधरोपण भी किए जाएंगे। इससे जहां ये तालाब जल संरक्षण के लिए कारगर तो होंगे ही साथ पर्यावरण संरक्षण के भी काम आएंगे। इन सबके अलावा इन पोखरों से मत्स्य पालन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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