डीईओ के निरीक्षण में कई शिक्षक अनुपस्थित, वेतन स्थगित

जागरण संवाददाता, सुपौल : सरकार की सख्ती के बाद हरकत में आए शिक्षा अधिकारी अब जब विद्यालयों का निरीक्षण करना शुरू किए हैं तो जिले में शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है। हाल के दिनों में विभागीय अधिकारी के अलावा अन्य विभागों के द्वारा भी विद्यालय के निरीक्षण किए जाने लगे हैं। बावजूद जिले में शिक्षा व्यवस्था में कोई खास बदलाव होते नहीं दिख रहा है। पूर्व की तरह आज भी समय से स्कूल का नहीं खुलना, बिना सूचना के विद्यालयों से शिक्षकों का गायब रहना, नामांकन की अपेक्षा बच्चों की उपस्थिति नहीं रहना या फिर उपस्थिति से अधिक एमडीएम पंजी में बच्चों की उपस्थिति दर्ज करना एक नियति सी बनी हुई है। हालांकि इससे पूर्व इस तरह की शिकायत जब कोई छात्र या अभिभावक करते थे तो विभाग को या तो यकीन नहीं होता था या फिर उसे अनसुना कर दिया जाता था। परंतु अब जब अधिकारी जायजा लेने विद्यालय पहुंच रहे हैं तो सरजमीनी सच्चाई का उन्हें पता चल रहा है। गुरुवार को जब जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने निर्मली प्रखंड स्थित कुछ विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया तो यह तमाम खामियां उजागर हुई। निरीक्षण उपरांत जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ऐसे विद्यालयों के प्रधान समेत कई सहायकों के निरीक्षण दिन के वेतन को स्थगित करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है। समय से स्पष्टीकरण नहीं देने की स्थिति में विभागीय कार्यवाही की भी चेतावनी दी गई है। गुरुवार को डीईओ 6:50 बजे पूर्वाह्न निर्मली प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय लौकहा जब पहुंचे तो विद्यालय में ताला लटका हुआ था और लगभग 30 बच्चे बरामदे पर इधर-उधर घूम रहे थे। तब तक न प्रधान पहुंचे थे न ही कोई सहायक। उसके बाद 7:10 बजे उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेला सिगार मोती का निरीक्षण किया गया। यहां नामांकित 377 छात्र-छात्राओं में से महज तीन छात्र ही उपस्थित पाए गए। यहां पदस्थापित आठ शिक्षकों में से महज तीन शिक्षक ही उपस्थित पाए गए। उत्क्रमित मध्य विद्यालय दिघिया में पदस्थापित 11 शिक्षक में से 09 उपस्थित थे और 02 शिक्षक अवकाश पर थे। प्राथमिक विद्यालय दिघिया बाजार में पदस्थापित 06 शिक्षक में से महज 02 शिक्षक ही उपस्थित मिले। मध्य विद्यालय सीकरहटा में प्रभारी प्रधानाध्यापक अनुपस्थित थे। यहां के प्रधान अवकाश आवेदन को विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव से स्वीकृत करवाए हुए थे। जिसे डीईओ ने अमान्य करार देते हुए कहा कि सरकारी नियमानुसार प्रभारी प्रधानाध्यापक को अवकाश आवेदन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से स्वीकृति के पश्चात ही विद्यालय छोड़ने का नियम है। इस विद्यालय में डीईओ ने जब मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत संधारित पंजी से पिछले सात दिनों की औसत उपस्थिति की गणना की तो 40 छात्र-छात्राओं की अधिक उपस्थिति दर्ज किए जाने की बात सामने आई। जिसे डीईओ ने मध्याह्न भोजन योजना का चावल एवं राशि को दुरुपयोग माना है। यहां 661 नामांकित छात्रों में से 131 उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय दिघिया में भी मध्याह्न भोजन योजना में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई। यहां भी गणना करने के बाद 157 छात्र-छात्राओं की अधिक उपस्थिति दर्ज पाई गई। ऐसे सभी प्रधान समेत अनुपस्थित पाए गए सहायकों का निरीक्षण दिन के वेतन को स्थगित करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है।

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