अब समाहरणालय में बिकेंगे जीविका की महिलाओं के उत्पाद

जागरण संवाददाता, खगड़िया : जीविका महिलाओं द्वारा तैयार नीरा के साथ मधु, मशरुम, जैविक सब्जी सहित अन्य सामग्रियां अब समाहरणालय प्रांगण के काउंटर पर बिकेंगी।

जिले में तीन लाख से अधिक महिलाएं जीविका समूहों से जुड़ी हुई है। करीब एक लाख महिलाएं स्वरोजगार के तहत विभिन्न उत्पाद बना रही हैं। उन उत्पादों में नीरा, मशरुम, मधु, जैविक सब्जी से लेकर घरेलू उपयोग की वस्तुएं व खाद्य सामग्रियां शामिल हैं। उनकी बिक्री को लेकर समूह की महिलाओं को मशक्कत करनी पड़ती है। जिला प्रशासन की ओर से इन उत्पादों को लोगों तक पहुंचाने को लेकर जीविका को उत्पादों का स्टाल लगाने को कहा गया है। इनका अलग स्टाल होगा। आम और खास सभी इस स्टाल पर पहुंचकर खरीदारी कर सकेंगे। जीविका की महिलाएं व्यापक स्तर पर नीरा, मध, मशरुम विभिन्न बड़ी पापड़ सहित अन्य सामग्री एवं जैविक सब्जी का उत्पादन कर रही है। जिसकी बिक्री को लेकर समूह की महिलाओं को परेशानी होती है। बीते माह डीएम ने जीविका के विभिन्न समूह और इनके कार्यों का जायजा लिया था। इस दौरान उत्पाद बिक्री में परेशानी होने की बात सामने आई। मधु मक्खी पालन करने वाली महिलाओं ने मध प्रोसेसिग प्लांट लगाए जाने की मांग की थी। जिसे लेकर डीएम ने जीविका के डीपीएम को आवश्यक निर्देश देते हुए जगह जगह उत्पाद बिक्री को लेकर स्टाल लगाने का निर्देश दिया था। इसके तहत समाहरणालय में भी उन्होंने स्टाल लगाने के निर्देश दिए। जिसके लिए प्रक्रिया की जा रही है। इस स्टाल के लगने से लोगों को जहां सुलभता से आवश्यक घरेलू सामग्री मिल सकेगी वही जीविका की महिलाओं का उत्पाद सुलभता से बिक सकेगा। इस संबंध में जीविका डीपीएम ने कहा कि स्वरोजगार से जुड़ी महिलाएं घरेलू उपयोग में आने वाली कई सामग्रियों का उत्पादन कर रही है। उसके बिक्री को लेकर प्रयास किए जा रहे है। अलौली में नीरा का काउंटर खुलवाया गया है। पंचायत स्तर पर भी काउंटर खोलने की व्यवस्था की जा रही है।


जीविका से जुड़ी महिलाएं बेहतर कार्य कर रही है। घरेलू उपयोग की कई सामग्री का उत्पादन महिलाएं कर रही है। उन्हें प्रोत्साहन मिले उनके उत्पाद की बिक्री अच्छे से हो इसे लेकर जगह जगह स्टाल लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। समाहरणालय प्रांगण में एक सेल काउंटर उपलब्ध कराया जाएगा। जिसे लेकर कार्य किया जा रहा है। ताकि उनके उत्पाद को लोग जान सके उसे खरीद सकें। जिससे महिलाओं के स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
आलोक रंजन घोष डीएम खगड़िया।

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