महर्षि मेंहीं की 138वीं जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

संवाद सूत्र,छातापुर (सुपौल): संतमत सदगुरू महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की 138 वीं जयंती रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई गई । इस अवसर पर मुख्यालय स्थित महर्षि मेहीं सत्संग मंदिर में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संतमत के धर्मावलंबियों के द्वारा प्रात: काल भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जो बाजार के मुख्य मार्ग पर भ्रमण करने के बाद पुन: कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। इस दौरान धर्मावलंबियों के द्वारा सदगुरू महाराज के जयकारे लगाए जा रहे थे । इस मौके पर सत्संग मंदिर परिसर में सत्संग सह प्रवचन का दौर चला, साथ ही भंडारा का भी आयोजन किया गया । भंडारा में सैकड़ों लोगों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया, कार्यक्रम में शामिल भाजपा के मंडल अध्यक्ष सुशील प्रसाद कर्ण ने कहा कि सदगुरू महर्षी मेहि परमहंस जी महाराज संतमत के प्रवर्तक थे । उन्होंने सभी मतों के संतों की वाणी सुनी और वाणियों की व्याख्या कर 14 पुस्तकों की रचना की । यह पुस्तकें आज मानव जीवन व जगत कल्याण के लिए संजीवनी का काम कर रही है । संतमत के अध्यक्ष विदेश्वरी भगत ने कहा कि सदगुरू महर्षि मेंहीं 20वीं सदी के महान संत हुए । उनका पैतृक घर पूर्णिया जिले के बनमनखी स्थित सिकलीगढ धरहरा में है । परंतु उनका जन्म मधेपुरा जिले के खोकसी मझुआ ग्राम स्थित उनके ननिहाल में सन 1885 बैसाख शुक्ल चतुर्दशी को हुआ था । छह जून 1986 को वे धराधाम से विदा हो गए । कार्यक्रम में रामस्वरूप सिंह, उपेंद्र सिंह, अरविद भगत, मुकेश कुमार, रामटहल भगत, छोटक सिंह, डोमी सिंह, भोगानंद राजा, विलक्षण मलाकार, राजो साह, रमेश साह, पियूष कुमार पिकु, सुरेश यादव मुख्य रूप से मौजूद थे ।

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