सरकार ने अनुसूचित जाति के उत्थान को 19 सौ करोड़ का दिया बजट

फोटो- 16 जमुई- 26

- 2005 के पहले महज 48 करोड़ का था बजट
- अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित कर रहे थे प्रदेश अध्यक्ष
- कहा, नीतीश कुमार ने अनुसूचित जाति के विकास को लेकर खींची लंबी लकीर
- जदयू में पाट दी गई दलित और महादलित की लकीर
संवाद सहयोगी, जमूई : जिला जदयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में अनुसूचित जाति के साथियों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ई. शंभु शरण कर रहे थे। इस दौरान मुख्य अतिथि बिहार प्रदेश जनता दल यू के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा कि पार्टी के फैसले के अनुरूप दलित और महादलित प्रकोष्ठ को मिला कर अब सिर्फ अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। ग्रास रूट के साथियों और पार्टी के कार्यकर्ताओं से संवाद के लिए यहां वे पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुसूचित जातियों के उत्थान के लिए बहुत कार्य किया है। 2005 के पहले की सरकार में अनुसूचित जातियों के लिए बजट में सिर्फ 48 करोड़ का प्रावधान होता था लेकिन नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास के सूत्र वाक्य को ध्यान में रखते हुए वर्ष 21-22 के बजट में 1900 करोड़ का प्रविधान किया। इससे पता चलता है कि अनुसूचित जातियों को आगे ले जाने के लिए मुख्यमंत्री बहुत ही प्रयासरत रहते हैं। इसी प्रकार कई योजनाओं का जिक्र इन्होंने अपने संबोधन में किया और उपस्थित साथियों से आग्रह किया कि जदयू को मजबूत करने में आप सभी एकजुट हो कर गांव गांव जा कर आम जनों को मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे कार्यों से अवगत कराएं। कार्यक्रम को पटना से साथ आए हेमराज राम, दीपक कुमार,सुखदेव राय, रामप्रवेश राम रविन्द्र मंडल, मु. इरफान, प्रखंड अध्यक्ष जमील अहमद, संजय कुमार सिंह, रामानंद सिंह, राजेश सिंह, अरुण मंडल, राकेश पासवान, श्यामसुंदर दास, युगल मांझी, ललन दास, अरुण भारती, अजित सिंह, मनोहर सिंह, प्रदीप दास, रविद्र दास, महेश दास सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

अन्य समाचार