आंगनबाड़ी केंद्रों में अब बच्चों को माह में एक बार मिलेगी चाउमीन व मैगी

जिले में 2,244 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। केंद्र के अंतर्गत बच्चों को फायदा होगा। इन केंद्रों में करीब 89,760 बच्चे नामांकित हैं। जारी निर्देश के अनुसार केंद्र में पढ़ने वाले नामांकित बच्चों को सुबह में नाश्ते में मौसमी फल से लेकर भुना हुआ चना, मूंगफली, अंकुरित चना, गुड़ भी दिया जाना है। सप्ताह में प्रतिदिन अलग-अलग मेन्यू के अनुसार बच्चों को नाश्ता के साथ-साथ पोषाहार में भोजन दिया जाना है। जल्द ही इस व्यवस्था को जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर लागू किया जाएगा। वर्तमान समय में जो आदेश है, उसी के अनुसार बच्चों को नाश्ता व भोजन दिया जा रहा है। यह बदलाव आइसीडीएस के निदेशक द्वारा भेजे गए नए निर्देश के बाद होगा। इसमें तीन साल से छह साल तक के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन केला, पपीता या मौसमी फल देने का निर्देश मिला है।

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समाज कल्याण विभाग ने केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को पूरक पोषाहार के रूप में कैलोरी व प्रोटीन युक्त भोजन देने के उद्देश्य से किया है। बच्चों की सेहत पर विशेष ध्यान देने की दिशा में मेन्यू में अहम बदलाव किए गए हैं। इसके साथ गर्म भोजन के मेन्यू में भी बदलाव किया गया है। विभागीय पत्र के अनुसार सोमवार को बच्चों को नाश्ता में भुना हुआ चना या मूंगफली और खाना में चावल का पुलाव, मंगलवार को पपीता या मौसमी फल व भोजन में आलू, चना की सब्जी व चावल, बुधवार को नाश्ता में अंकुरित चना और गुड़ के साथ भोजन में सोयाबीन की सब्जी और चावल। आंगनबाड़ी केंद्रों पर माह में एक दिन चाउमीन और मैगी मिलेगा तो हफ्ते में तीन दिन मौसमी फल दिया जाएगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए तैयार नया मीनू
दिन : सुबह का नाश्ता : भोजन
सोमवार : भुना हुआ चना व मूंगफली : चावल का पुलाव मंगलवार : पपीता या मौसमी फल : आलू चना सब्जी व चावल बुधवार : अंकुरित चना व गुड़ : सोयाबीन सब्जी व चावल गुरूवार : पपीता या मौसमी फल : रसिया शुक्रवार : दूध : कद्दू या साग के साथ दाल व चावल शनिवार : केला, पपीता या मौसमी फल : चावल दाल या खिचड़ी माह में एक अतिरिक्त दिन : विशेष पोषाहार (चाउमीन, मैगी, पुड़ी-सब्जी या अन्य भोज्य पदार्थ दिया जाएगा)
शुक्रवार को सुबह के नाश्ते में मिलेगा उबला हुआ अंडा नए मेन्यू के अनुसार प्रत्येक शुक्रवार को सुबह के नाश्ते में अंडा खाने वाले बच्चों को एक उबला अंडा व अंडा नहीं खाने वाले बच्चों को दूध दिया जाएगा। अति कुपोषित बच्चों को दोगुना पौष्टिक आहार देने का निर्देश मिला है। इधर गर्भवती व प्रसूति को दिन में खिचड़ी छह माह से तीन वर्ष के सामान कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों को टीएचआर का वितरण पूर्व की भांति ही करते रहने का निर्देश है। कोट मेन्यू के अनुसार भोजन मिले इसकी व्यवस्था की गई है। बच्चों को अप्रैल माह में अरवा चावल की जगह फार्टिलाइड चावल दिया जा रहा है, जिसे बच्चे चाव से खा रहे हैं। रेशमा, सीडीपीओ

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