अन्नप्राशन दिवस मनाकर पोषण के प्रति महिलाओं को किया गया जागरूक

संवाद सहयोगी, किशनगंज : कुपोषण के खिलाफ जागरूकता लाने के उद्देश्य से गुरुवार को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। जन-जन के सहयोग से पोषण माह का उद्देश्य सफल होगा। इसका उद्देश्य कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण है। लेकिन यह तभी संभव है जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उचित पोषण की जानकारी होगी। यह बातें डीपीओ आइसीडीएस कवि प्रिया ने कही।

उन्होंने कहा कि अन्नप्राशन कार्यक्रम के दौरान पोषण के पांचों सूत्रों का जिक्र किया। पहले सूत्र के रूप में बच्चे के पहले हजार दिन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के 270 दिन और उसके बाद दो वर्ष तक बच्चों के सबसे सुनहरे दिन होते हैं। इसी समय बच्चे को सही आहार दिया जाना चाहिए। ताकि बच्चों कें मस्तिष्क का तेजी से विकास हो सके। पौष्टिक आहार के रूप में छह माह तक बच्चों को केवल मां का दूध दिया जाना चाहिए। छह माह के बाद बच्चों को ऊपरी आहार दिया जा सकता है। महिला पर्यवेक्षिका प्रीति सिंह ने कहा कि अन्नप्राशन दिवस के साथ ही सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा क्षेत्र के लोगों को कोविड संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए टीका लगाने के लिए जागरूक किया गया।

जिला समन्यवक मंजूर आलम ने कहा कि बच्चों को अन्नप्राशन के साथ कम से कम दो वर्षों तक स्तनपान भी कराना चाहिए। छह से नौ माह के शिशु को दिनभर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, नौ से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना और 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाने की सलाह दी गई। बच्चों के आहार में चीनी अथवा गुड को भी शामिल करना चाहिए। वसा की आपूर्ति के लिए आहार में छोटा चम्मच घी या तेल डालना चाहिए। दलिया के अलावा अंडा, मछली, फलों एवं सब्जियों जैसे संरक्षक आहार शिशुओं के विकास में सहायक होते हैं।

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