ईएमटी की उदासीनता से प्रसूता की बढ़ी परेशानी, स्वजनों ने की शिकायत

संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल): रेफरल अस्पताल राघोपुर के एंबुलेंस ईएमटी की लापरवाही के कारण गुरुवार की रात्रि एक गर्भवती महिला का प्रसव बीच रास्ते एम्बुलेंस में ही हो गया। जिसके कारण ईएमटी और अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध स्वजनों में काफी आक्रोश व्याप्त है। घटना से आक्रोशित स्वजनों ने गुरुवार की रात्रि ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को एक आवेदन देकर सारे मामले से अवगत कराया है। आवेदन में स्वजनों ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के वायसी वार्ड नंबर 13 निवासी राधेश्याम मेहता की पत्नी यशोदा देवी गर्भवती थी। गुरुवार की संध्या उसे काफी दर्द होने लगा, जिसके बाद स्वजनों ने राघोपुर रेफरल अस्पताल में मौजूद एंबुलेंस संख्या बीआर 0पीएफ 1023 के ईएमटी मिथिलेश कुमार को फोन कर जल्द एंबुलेंस उपलब्ध कराने का आग्रह किया ताकि जल्द से जल्द मरीज को अस्पताल पहुंचाया जा सके। लेकिन कई बार फोन करने के बावजूद भी ईएमटी ने एम्बुलेंस नहीं भेजा, जिसके बाद स्वजनों ने एम्बुलेंस सेवा के लिए उपलब्ध सरकारी टोलफ्री नंबर 102 पर फोन कर घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए दूसरा एंबुलेंस उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। जिसके बाद 102 के जरिये उनलोगों को एक अन्य एंबुलेंस भेजा गया, लेकिन तब तक इतनी देर हो चुकी थी कि घर से रेफरल अस्पताल आने के दौरान रास्ते में ही प्रसव हो गया। स्वजनों ने बताया कि इस दौरान रास्ते में प्रसव होने के कारण उपयुक्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की तबियत बिगड़ने लगी। बताया कि जहां बच्चे की काफी तबियत बिगड़ गई, वहीं प्रसूता की परेशानी भी बढ़ गई। जिसके बाद अस्पताल पहुंचने पर दोनों का इलाज शुरू किया गया। बताया कि ईएमटी को 8 बजे रात्रि से लेकर साढ़े दस बजे तक लगातार फोन किया गया, लेकिन उसने कोई संवेदना नहीं दिखाई। जबकि जब वे लोग अस्पताल पहुंचे तो पाया कि वह एम्बुलेंस अस्पताल परिसर में ही खड़ा है।


मामले को लेकर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक मुकेश कुमार ने बताया कि मरीज के स्वजनों द्वारा आवेदन दिया गया है। बताया कि इससे पूर्व भी कई बार एम्बुलेंस को लेकर शिकायत आई है। मामले की जांच कर दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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