डीएवी स्कूल में बाल संसद की संसदीय कार्य मंत्री की पिटाई

- शिक्षक ने आपा खोया, छात्रा को दी क्लास में हंसने की सजा

- अभिभावक ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग सहित अन्य जगह की शिकायत, लगाई न्याय की गुहार
- संबंधित शिक्षक से विद्यालय प्रबंधन ने मांगा स्पष्टीकरण
- अनुशासन समिति को दिया जांच का जिम्मा
संवाद सहयोगी, जमुई : विद्यालयों में बच्चों को शारीरिक दंड शीर्ष अदालत ने अपराध मान कर रोक लगा दी है। इसके बाद भी ऐसी शिकायतें सामने आ जाती है। ताजा मामला डीएवी स्कूल मनियड्डा का है। यहां के एक शिक्षक एमके झा ने शनिवार को नवमी क्लास की एक छात्रा की बाल पकड़कर घुसे और थप्पड़ से पिटाई कर दी। इसके बाद क्लास से बाहर कर दिया। बी सेक्शन की छात्रा प्रगति की गलती यह थी कि वर्ग संचालन के वक्त हंस दी थी। शिक्षक के गुस्से का शिकार बनी छात्रा बाल संसद की संसदीय कार्य मंत्री है।

न्यू टोला बिहारी निवासी अभिभावक शिव शंकर ने बाल संरक्षण अधिकार आयोग से लेकर एसपी एवं डीएवी प्रबंधन तक से शिकायत की। बच्चों से गलती तो होगी ही, शिक्षक भी गलती करें तो क्या कहा जाए। इस बात को प्रधानाचार्य रामकुमार भी मानते हैं। फिलहाल विद्यालय अनुशासन समिति पूरे मामले की जांच करेगी। इसके साथ ही संबंधित शिक्षक से भी जवाब मांगा गया है। उसके उपरांत कार्रवाई के लिए डीएवी प्रबंधन को अग्रसारित किया जाएगा।
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गणित शिक्षक पर लगाए कई आरोप
अभिभावक शिव शंकर ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग सहित अन्य को प्रेषित पत्र में गणित शिक्षक एमके झा पर कई आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। बच्चों के साथ इस तरह से पेश आना उनकी आदत है। उनके कड़क मिजाज के कारण कोई भी बच्चा शिकायत करने से डरते हैं। शनिवार को घटित घटना की चर्चा करते हुए कहा कि पिटाई की शिकायत उनकी बच्ची ने प्रधानाचार्य से की थी। इसके बाद प्रधानाचार्य ने दोनों को समझाकर कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर दी। उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि एसपी, एसडीओ, डीएवी के निदेशक, अध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य को दी है।
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कोट
संबंधित शिक्षक को शो काज किया गया है। अनुशासन समिति भी मामले की गहन जांच करेगी। एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट और शिक्षक का जवाब डीएवी विद्यालय प्रबंधन को आवश्यक कार्रवाई के लिए अग्रसारित कर दिया जाएगा।
राम कुमार, प्रधानाचार्य, डीएवी स्कूल, जमुई
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कोट
एक शिक्षक की कोशिश हमेशा बच्चों के बेहतर भविष्य गढ़ने की होती है। उनकी तरफ से सिर्फ बच्चों को प्रेरित करने की कोशिश की जाती है। बेरहमी से पिटाई का आरोप निराधार है।
एमके झा, शिक्षक, डीएवी स्कूल, जमुई

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