बेटों ने फुटबाल में दिखाया दम अब बेटियां लहराएंगी हाकी का परचम

-खेलेंगे, सीखेंगे, सिखाएंगे के नारे के साथ बरुआरी में बालिका हाकी टीम की हुई शुरुआत

-कभी फुटबाल से भी थी इस गांव की विशिष्ट पहचान, अब बेटियां हाकी से जगा रही उम्मीद
------------------------------------------------ जागरण संवाददाता, सुपौल : पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नबाब, खेलोगे धूपोगे होगे खराब। बच्चों को कभी यह कहावत गांवों में जरूर सुनाई जाती थी लेकिन बरुआरी में पहले भी यह कहावत बच्चों को नहीं सुनाई गई और अब तो सवाल ही नहीं उठता। खेल-खेलकर यहां के कई बच्चे 'नबाब' बन गए। यहां के बेटों ने फुटबाल में कभी अपना दम दिखाया था और अब बेटियां हाकी का परचम लहराने के लिए बेताब हैं।

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बरुआरी के फुटबाल का रहा स्वर्णिम इतिहास
दरअसल फुटबाल में इस गांव का स्वर्णिम इतिहास रहा है। कोसी के क्षेत्र में फुटबाल की चर्चा बरुआरी से शुरू होती थी और मानसी, सलखुआ, खगड़िया होते हुए इसी पर बंद होती थी। मोहन बगान तक यहां के खिलाड़ियों के शाट पहुंच चुके थे। वह समय भी फुटबाल का था इसलिए यह खेल भी इस गांव को विशिष्ट पहचान दिलाता था। इस खेल के जरिये गांव के कई खिलाड़ियों ने स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ही नहीं लिया बल्कि अपनी इस खेल प्रतिभा के दम पर सरकारी सेवा में भी गए। कालक्रम में फुटबाल की घटती लोकप्रियता के कारण यहां से यह खेल भले ही विस्मृति के गर्त में चला गया हो लेकिन इस खेल के माध्यम से 'नबाब' बनने की कहानी आज भी इस गांव ही नहीं कई गांवों में सुनी-सुनाई जाती है। हालांकि एक बार फिर यहां फुटबाल को उसी पटल पर लाने का प्रयास भी जारी है।
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अब बेटियों की बारी
आजादी के 75वें वर्ष में हाकी के गौरव को आगे बढ़ाने के लिए गांव में लड़कियों ने दो टीम का गठन कर हाकी का अभ्यास शुरू किया। बरुआरी बालिका क्लब की तरफ से इस पहल की शुरुआत करते हुए बच्चियों ने खेलेंगे, सीखेंगे, सिखाएंगे का नारा बुलंद करते हुए खेल की शुरुआत की।
वीआइपी रोड बरुआरी पूरब में अभ्यास की शुरुआत टीम बी की कप्तान अंकिता ने बाल पास कर टीम ए की कप्तान शालिनी सिंह को देकर की।
टीम ए में गोलकीपर ईशा सिंह के अलावा ज्ञानी, राखी, डेजी, नियति, अन्नू, तन्नू, खुशी, मौसम और पलक ने खेला वहीं टीम बी में गोलकीपर जूही के अलावा गारसी, रितु, प्रिया, विद्या, रितु, अदिति, तन्नू, मानवी व खुशी ने खेल में हिस्सा लिया।
बेटियों की इस शुरुआत पर सामाजिक कार्यकर्ता सोहिनी, अर्चना सिंह, प्रो. गगन देव सिंह, राहुल यादुका, धर्मेंद्र, अखिलेश, लक्ष्मण झा, छोटू सिंह, बीके सिंह, बिशु, हरेकृष्ण सिंह, अजय आदि ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अब बेटियों की बारी है।

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