शिक्षकों के समय से स्कूल आने से बच्चों की बढ़ी उपस्थिति

संवाद सूत्र, सहरसा: जिले के सरकारी स्कूलों मे अब बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। शिक्षकों के ससमय विद्यालय पहुंचने से इसका बेहतर असर पठन-पाठन पर पड़ रहा है। पहले की संख्या में अब बच्चे दोगुना संख्या में स्कूल पहुंचने लगे हैं। पहले विद्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा रहता था। अब जिले के सरकारी स्कूलों में चहल पहल दिखने लगी है। जिलाधिकारी आनंद शर्मा के प्रयास से शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए स्कूल खुलने एवं बंद होने से पहले सभी शिक्षकों का ग्रुप फोटो स्कूल प्रधान द्वारा भेजा जाता है। जिले के हर स्कूल प्रधान को यह जवाबदेही दी गयी है कि वे अपने स्कूल के सभी शिक्षकों को सही समय पर स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। स्कूल तो अब हर शिक्षक समय पर पहुंचने लगे है। शिक्षक के स्कूल में रहने पर अब बच्चे भी नियमित रूप से स्कूल आना शुरू कर दिया है। स्कूल में शिक्षक खुद ही अब रूटीन के अनुरूप बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है। हालांकि पहले भी कुछ स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई होती थी। लेकिन अधिकांश स्कूल तो भगवान भरोसे ही था। अब तो स्थिति ऐसी है कि बच्चे से पहले शिक्षक ही स्कूल पहुंच जाते हैं। कई जगहों पर तो स्थानीय लोग शिक्षक को पहचानते तक नहीं थे। अब स्कूल जाना शुरू किए तो लोगों को पता चल रहा है कि वे भी इसी स्कूल के शिक्षक है। कमोबेश यह स्थिति हर जगह की बनी हुई है। जिले के 1263 प्रारंभिक स्कूलों में अब सुबह से बच्चों की आवाजाही शुरू हो जाती है।

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साठ फीसद बच्चों की हो रही उपस्थिति
जिले के प्रारंभिक स्कूलों में अब पचास से साठ फीसद बच्चों की उपस्थिति हो रही है। शिक्षक भी ससमय आ रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा ही बच्चों के भविष्य का निर्माण करती है।
जियाउल होदा खां, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान

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