कोसी में होगी सुगंधित धान की उन्नत खेती

कुंदन कुमार, सहरसा : कोसी क्षेत्र में जलजमाव के कारण आमतौर पर साधारण किस्म के धान की ही खेती होती रही है, परंतु कृषि विभाग ने इस इलाके के किसानों को लाभांवित करने के लिए सुगंधित धान की खेती कराने की योजना बनायी है। कोसी क्षेत्र के मैदानी इलाके में राजेंद्र कृषि विवि पूसा व सबौर भागलपुर द्वारा विकसित राजेंद्र सुवासिनी, राजेंद्र कस्तुरी, सुगंध टू- थ्री, पूसा बासमती आदि की खेती कराई जाएगी। इसके चावल में बासमती चावल का सारा गुण मौजूद है। इसकी खेती से किसानों को काफी लाभ मिल सकता है।

कृषि विभाग खरीफ महोत्सव पर इन किस्मों की धान की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है।

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किसानों को खेती के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
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धान की खेती के लिए विभाग द्वारा विभिन्न किस्म के धान का बीज अनुदानित दर पर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। जो किसान सुगंधित धान की खेती के इच्छुक हैं, उन्हें इसकी खेती का गुर भी सिखाया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग प्रमंडल और जिला स्तर पर खरीफ महोत्सव का आयोजन कर कृषि कर्मियों को जागरूक कर रहा है। किसानों की धान की उन्नत खेती की जानकारी देने और कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी दिए जाने के लिए जिलास्तर से जागरूकता रथ भी गांव- गांव के लिए विदा किया गया है। इसके अलावा किसान सलाहकार, कृषि कार्डिनेंटर आदि के द्वारा भी किसानों को कई महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी।
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सुगंधित धान उत्पादन से तीन गुणा तक कीमत में होगी बढ़ोतरी
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देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा बिहार में धान का औसत उपज कम है। राज्य की इस निम्न उत्पादकता के कारण किसानों की माली हालत को सुधारने के लिए सुगंधित धान की खेती पर जोर दिया जा रहा है। सामान्य धान की अपेक्षा सुगंधित धान एवं इससे बने चावल, चूड़ा आदि की कीमत में ढाई से तीन गुणा तक अधिक होती है। विदेशों में भी इसकी मांग होती है। इस लिहाज से कोसी क्षेत्र के किसानों को सुगंधित धान की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा। इसकी खेती को बढ़ावा मिलने से कोसी क्षेत्र का आर्थिक उन्नयन होगा।
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जिस इलाके में सुगंधित धान की खेती होती है, उस इलाके के किसान काफी लाभांवित हो रहे हैं। इस लिहाज से कोसी क्षेत्र के किसानों को भी उन्नत प्रभेद की सुगंधित धान की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे इलाके की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
ज्ञानचंद्र शर्मा
जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।

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