स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पर मक्के की कटाई का भी असर

संस, जानकीनगर (पूर्णिया)। ग्रामीण क्षेत्र में फसलों की कटाई के समय प्रारंभिक विद्यालयों में भी शिक्षकों के लाख जतन के बाद भी बच्चों की उपस्थिति कम हो जाती है। फिलहाल मक्के की कटाई का असर भी बच्चों की उपस्थिति पर हो रहा है। खुद अधिकारियों की जांच में भी यह बात सामने आ रही है।

रामपुर तिलक पंचायत अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों की जांच एसडीओ ने की। मध्य विद्यालय रामपुर तिलक में शिक्षको के साथ छात्रों की उपस्थिति पंजी की जांच भी की गई। छात्रों की कम उपस्थिति पर पूछे गए सवाल पर शिक्षकों ने बताया कि रबी फसल की कटाई को लेकर छात्र कम आ रहे हैं। यहां 586 में 352 छात्र उपस्थित पाए गए थे । कम उपस्थिति पर एसडीओ द्वारा पूछे जाने पर शिक्षकों ने बताया कि फसल कटाई को लेकर अभी छात्रों की संख्या कम है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि जब-जब माइकिग कराई जाती है तब तब छात्रों की भीड़ बढ़ जाती है। जुलाई-अगस्त माह में धान की रोपनी के समय छात्रों की उपस्थिति नगण्य रहती है। इस संबंध में पूछने पर कुछ अभिभावकों ने बताया कि कटाई व बुआई के समय उन लोगों को बच्चों का सहयोग लेना पड़ता है। अभी मक्का की कटाई व उसे तैयार करने को लेकर वे लोग परेशान हैं। न चाहते हुए भी बच्चों का सहयोग ले रहे हैं। विभिन्न पोषक क्षेत्र के दिलीप कुमार साह, उपमुखिया जयकांत मंडल, मुकेश कुमार, सचेन्द्र यादव, शैशव कुमार, बहादुर मेंहता, रतन यादव, बबलू कुमार, दिवाकर यादव, नागेन्द्र पोद्दार सहित कई अन्य बुद्धिजीवियों ने बताया कि यह जमीनी हकीकत है। बच्चों की पढ़ाई को लेकर अब भी अभिभावकों में सजगता की कमी है। यद्यपि सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने पर वे सजग हो जाते हैं लेकिन पढ़ाई को लेकर वे अभी भी अपेक्षित संवेदनशीलता नहीं दिखा पाते हैं।
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