सुनी गलियां, दरवाजे पर ताला और विरानगी.. कैथा गांव की कहानी

फालोअप

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फोटो- 02 जमुई- 10,11,12,13,14,15,16
- 30 मई को मामूली विवाद में उग्र हुए थे दो गांव के लोग
- पुलिसिया कार्रवाई से घर छोड़ फरार हैं अधिकांश पुरुष
जागरण टीम, जमुई/अलीगंज: कभी लोगों के हंसने की आवाज से खिलखिलाती कैथा गांव की गलियां गुरुवार को सूनी पड़ी थी। हर तरफ खामोशी फैली थी। दूर-दूर तक इंसान तो इंसान चिड़ियां भी नजर नहीं आ रही थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि गांव में कोई है ही नहीं। हर तरफ विरानगी, सन्नाटा और मायूसी। यूं लग रहा था कि गांव की खामोश व शांत गलियां बोल रही हो कि देखो क्या हो गया है। गलियों में भटकने के बाद कुछ लोगों के खौफ व स्याह चेहरे नजर आए। बहुत कुरेदने पर भी कुछ बोल नहीं निकल पा रहे थे। खामोशी में उनका दर्द छिपा दिख रहा था। गांव में पसरा सन्नाटा दर्शा रहा था कि जब इंसानियत रूठती है तो इंसान का वजूद हिल जाता है। चंद लोगों की शरारत और जवाब में जल्दबाजी और मर्यादा भूलना गांव के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया। 30 मई के दिन मामूली विवाद में लोग उग्र नहीं होते तो आज गांव की गलियां सूनी नहीं पड़ती। ग्रामीण मु. शमीम, मु. जावेद, मु. जफरूद्दीन बताते हैं कि छोटे विवाद ने विकराल रूप धारण कर लिया। पुलिस की छापेमारी होने से ग्रामीण दहशतजदा हैं। इधर, कुछ लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस ने कुछ निर्दोष लोगों को भी पकड़ा है। जिनका इस घटना से कोई लेना देना नहीं है। नवादा जिले के धमौल थाना क्षेत्र अंतर्गत रेवार मोड़ के समीप कैथा गांव निवासी एक व्यक्ति की स्कार्पियो बिजली पोल से टकरा गई। जिससे पोल टूट गया और बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई। स्कार्पियों ले जाने को लेकर चालक तथा स्थानीय ग्रामीणों के बीच शुरू हुआ विवाद बड़ी घटना का रूप ले लिया। दोनों तरफ से हवाई फायरिग फिर रोड़ेबाजी हुई। जिसमें पुलिस के दो जवान तथा एक पुलिस पदाधिकारी जख्मी हो गए थे। कुछ ग्रामीण भी जख्मी हुए थे। मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। रेहड़ी, रेवार तथा कैथा गांव के 55 लोगों को नामजद करने के साथ 250 अज्ञात के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। पुलिस की इस कार्रवाई से गांव के अधिकांश पुरुष घर छोड़कर फरार हैं।

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