क्रय समिति के सचिव पर प्राथमिकी तो अध्यक्ष पर क्यों नहीं

डीपीओ पर 25 लाख के गबन का आरोप पर खाते में सुरक्षित है राशि

जागरण संवाददाता, शेखपुरा:
शिक्षा विभाग में टेंडर घोटाला को लेकर परत दर परत खुलने लगे हैं। इस मामले में धीरे-धीरे कई बातें सामने आ रही है। इसमें यह भी मामला सामने आया कि जिस क्रय समिति के सचिव डीपीओ सतीश सिंह पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है उसी क्रय समिति के अध्यक्ष खुद जिला शिक्षा पदाधिकारी होते हैं। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ही इस पूरे मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है। - बच गए अध्यक्ष, सचिव की फांसी गर्दन बता दें कि यह पूरा मामला टेंडर से जुड़ा हुआ है। जबकि इस मामले में टेंडर की लेनदेन की जो बात हुई उसमें क्रय समिति के अध्यक्ष जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान होते हैं। स्थापना डीपीओ इसके सचिव होते हैं । अब इसी में इस बात की चर्चा हो रही है कि बगैर अध्यक्ष की जानकारी के कोई फाइल आगे नहीं बढ़ी होगी। -
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दर्ज कराई गई प्राथमिकी में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि डीके इंटरप्राइजेज पटना के द्वारा निविदा में गड़बड़ी की शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी। इसके बाद जांच हुई। जिसमें गड़बड़ी की बात सामने आई। इस मामले में डीपीओ सहित स्थापना के कार्यालय सहायक और सिन्हा इंटरप्राइजेज के विरुद्ध स्थानीय टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई । इसमें सरकारी राशन गबन करने, सरकारी कार्य को नियम के विरुद्ध करने और साक्ष्य छुपाने के आरोप लगाए गए हैं। -
पैसे का नहीं हुआ है लेन-देन इस मामले में जानकारी देते हुए डीपीओ सतीश कुमार ने बताया कि इस मामले में उन्हें आरोपित किया गया है। उस के क्रय समिति के अध्यक्ष खुद जिला शिक्षा पदाधिकारी होते हैं। वहीं 25 लाख के गबन का आरोप लगाया गया है जबकि यह राशि एजेंसी को ट्रांसफर नहीं की गई है। क्या कहते हैं अधिकारी
इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान ने बताया कि क्रय समिति के वे खुद अध्यक्ष होते हैं। डीपीओ इसके सदस्य और स्थापना के डीपीओ इसके सचिव होते हैं। प्रमुख काम स्थापना डीपीओ के द्वारा ही किया जाता है। उन्होंने भी पैसे ट्रांसफर होने की बात से इनकार किया है और कहा कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से रुपये नहीं गए और रुपये सुरक्षित है।

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