सेल्फी व रील्स की सनक ले रही जान

जागरण संवाददाता, सुपौल: सेल्फी व रील्स की संस्कृति तेजी से एक सनक का रूप लेती जा रही है, जिसमें लोग अपनी जान तक गंवा रहे हैं। ऐसे शौक रखने वाले लोग संभावित हादसों से अंजान रहते हैं और काल की गाल में समा जाते हैं। खासकर, सेल्फी लेने व रील्स बनाने का शौक युवाओं के सिर चढ़ कर बोल रहा है। सेल्फी लेने व रील्स बनाने के बाद इसे तुरंत इंटरनेट मीडिया ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपलोड करते हैं और फिर उस पर आने वाले लाइक्स और कामेंट्स का इंतजार करने लगते हैं। सदर थाना क्षेत्र के नरहैया घाट पर कोसी नदी में गुरुवार को घटी घटना सेल्फी व रील्स की दिवानगी का ही नतीजा है। इस घटना में एक युवक की मौत हो गई, जबकि अन्य को किसी तरह लोगों द्वारा बचाया गया। यह घटना सभ्य समाज के लिए एक तरह से चिता का विषय बन गया है।


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सितंबर, 2019 में एक इंजीनियर की हुई थी मौत
सेल्फी के चक्कर में उक्त घटना से लगभग चार साल पूर्व 2019 को एक युवा इंजीनियर की जान चली गई थी। वह करजाईन थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला था जो दादी के श्राद्ध कर्म में अपने गांव आया हुआ था। वह रतनपुरा थाना के सातनपट्टी में सेल्फी बनाने के दौरान कोसी नदी में डूब गया और उसकी मौत हो गई। इस घटना से कुछ साल पूर्व सदर थाना क्षेत्र के बसबिट्टी गांव के समीप एक युवक सेल्फी लेने के दौरान डूब गया और उसकी मौत हो गई।
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नहीं लेते सीख
आज के समय में सेल्फी व रील्स के चलते देश के विभिन्न भागों में अक्सर घटनाएं घटती रहती है। इसके चक्कर में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बावजूद, कोई ऐसी घटनाओं से सीख लेकर संभलने की जहमत उठाना नहीं चाहते। इस तरह की घटना एक चुनौती बनती जा रही है। इससे निपटने के लिए प्रशासन के साथ-साथ समाज के लोगों को ²ढ़ इच्छाशक्ति के साथ ठोस व व्यावहारिक कदम उठाने होंगे। युवाओं को समझाना होगा कि दूसरों को प्रभावित करने के लिए किसी ऐसे खतरनाक पोज में सेल्फी व रील्स न बनाएं।

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