छह करोड़ खर्च के बाद भी कम नहीं हुई कुंदह के लोगों की पीड़ा

संसू, महिषी (सहरसा): कोसी नदी के कटाव से हर वर्ष कुंदह गांव के लोग परेशान रहते हैं। चार से पांच बार अबतक विस्थापित हो चुके हैं। गांव को बचाने के लिए विभाग द्वारा पानी की तरह पैसा बहाया जाता है। पिछले पांच साल में छह करोड़ 28 लाख से अधिक राशि खर्च की गई है। बावजूद कुंदह के लोगों की पीड़ा कम नहीं हो पाई है।

ग्रामीणों की मानें तो अबतक कोसी के कटाव के कारण कुंदह गांव के लोग चार से पांच बार विस्थापित हो चुके हैं। हर वर्ष आशियान नदी में समा जाता है। विद्यालय भवन भी कटाव की चपेट में आ चुका है। इसके बावजूद स्थाई समाधान नहीं किया जा रहा है।

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हर वर्ष खर्च की जाती है लाखों की राशि
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- वर्ष 2022 में एक करोड़ 67 लाख की लागत से यूकलिप्टस बल्ला पाइलिग, गैबियन और एनसी लगाने का कार्य चल रहा है। 2021 में दो करोड़ 52 लाख की लागत से गैबियन, यूकलिप्टस बल्ला पाइलिग और एनसी लगाने का कार्य करवाया गया।
- 2020 में यहां के दो कटाव स्थलों पर 48 लाख 24 हजार एवं 72 लाख की लागत से एनसी, जीओ बैग और बांस पाइलिग का कार्य करवाया गया।
- 2019 में 25 लाख की लागत से बांस पाइलिग कर कटाव रोकने का प्रयास किया गया।
- 2018 में 24 लाख की लागत से बांस पाइलिग का कार्य करवाया गया।
- 2017 में 40 लाख की लागत से बांस पाइलिग व गैबियन लगाने का कार्य करवाया गया।
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हर वर्ष बढ़ जाता है कटाव का दायरा
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हर वर्ष कोसी के कटाव स्थल में परिवर्तन से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाती है। हर वर्ष कटाव का दायरा बढ़ता चला जाता है। वर्तमान में करीब साढ़े छह सौ मीटर में कटाव तेज है परंतु विभाग द्वारा 425 मीटर क्षेत्र पर ही कटावरोधी कार्य कराए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो शेष बचे कटाव प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ के दौरान कटाव का दवाब बना रहेगा जिससे बगल के गांव बलिया सिमर पर कटाव का खतरा मंडराना तय है।

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