मिथिला तालाब की पहचान व संस्कृति का केंद्र : जिलाधिकारी

दरभंगा। जिलाधिकारी राजीव रौशन ने कहा है कि मानव जीवन के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। पर्यावरण संरक्षण कैसे किया जाए। आज के समय में इस विषय पर विचार करने की जरूरत है। पर्यावरण संरक्षण के लिए तालाब एक महत्वपूर्ण बिदु है। मिथिला तालाब की पहचान एवं संस्कृति का केंद्र है। दरभंगा में तालाब काफी संख्या में लुप्त हो रहे हैं। लोगों के द्वारा तालाबों का अतिक्रमण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है, लेकिन लोगों को इस पर विचार करना होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए, स्कूल के बच्चों को इसमें जोड़ा जाए। वो रविवार को शहर के महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर 'जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में तालाब निर्माण और प्रबंधन' पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। डीएम ने साफ किया कि इसके लिए चलाए जानेवाले अभियान सदैव सार्थक परिणाम लेकर आएंगे।


तालाब बचाओ अभियान के संयोजक नारायण जी चौधरी ने अपनी पीपीटी प्रस्तुति में तालाब के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि तालाब के नाम पर जिस तरह की संरचनाएं बनाई जा रही हैं वह जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और जलीय परिस्थिति तंत्र के प्रतिकूल है।
संवाद का आयोजन तालाब बचाओ अभियान इंटैक, सामाजिक संस्था क्रिया और महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय के संयुक्त तत्त्वावधान में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेम मोहन मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन श्री शिवकुमार मिश्रा ने किया। मौके पर, तालाब बचाओ अभियान के श्यामानंद झा, आत्मा के परियोजना निदेशक पीएन झा, डा. विद्यानंद झा आदि मौजूद रहे।

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