दायर परिवाद का समय सीमा के अंदर करें निस्तारण

जागरण संवाददाता, खगड़िया : समाहरणालय स्थित सभागार में सोमवार को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दायर परिवाद के अनुपालन को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दायर परिवाद के अनुपालन को लेकर चर्चा के साथ कई आवश्यक जानकारी व निर्देश दिए गए। कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभारी जिलाधिकारी सह अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा ने की। इस मौके पर जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भूपेंद्र प्रसाद यादव ने उपस्थित पदाधिकारियों को परिवाद का समय सीमा के अंदर निस्तारण करने का निर्देश दिया और कहा कि लोक शिकायत से संबंधित परिवादों के समाधान हेतु नोटिस किए जाने पर लोक प्राधिकार को स्वयं उपस्थित होना चाहिए, ताकि इनके निराकरण में होने वाले अनावश्यक विलंब को समाप्त किया जाए। उन्होंने बताया कि सर्व साधारण की शिकायतों का एक निश्चित समय-सीमा में समाधान कराने के उद्देश्य से पांच जून, 2016 से पूरे राज्य में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू किया गया है। इस कानून से सभी आवेदकों को 60 कार्य दिवसों में उनकी शिकायतों की सुनवाई, उसके निवारण का अवसर तथा उस पर निर्णय की सूचना प्राप्त होने का कानूनी अधिकार प्राप्त हो गया है। शिकायत का तुरंत निबंधन संख्या, पावती प्रदान करते हुए सुनवाई की तिथि बतायी जाती है तथा शिकायतकर्ता एवं शिकायत के विषय से संबंधित सरकारी कर्मी के आमने-सामने सुनवाई कर शिकायत का समाधान किया जाता है। साथ ही, निर्णय की प्रति भी उपलब्ध कराई जाती है, ताकि निर्णय से व्यथित होने की स्थिति में अपील दायर किया जा सके। कोई भी नागरिक या नागरिकों के समूह द्वारा शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। परिवाद नि:शुक्ल दायर किये जाते हैं।


उन्होंने कहा कि लोक शिकायत से संबंधित प्रथम नोटिस को ही लोक प्राधिकार गंभीरता से लें एवं अन्य कर्मियों को भेजने के बजाय खुद बैठकर आवेदक की शिकायतों को सुनें, समझे एवं इसके निराकरण का त्वरित प्रयास करें। ऐसा करने पर दो से तीन तारीखों में परिवाद का निस्तारण किया जा सकेगा। लोक शिकायत में रिकार्ड आनलाइन होता है। लोक प्राधिकार द्वारा उपस्थित ना होने या निस्तारण करने में देर होने पर यह सरकार की नजर में रहता है और संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा सकती है। इस अवसर पर सदर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मु. नवाजिश अख्तर, सिविल सर्जन डा. अमरनाथ झा सहित सभी संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे।

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