ग्रीष्मावकाश बाद शुरू होगी ट्यूनिग आफ स्कूल योजना

जागरण संवाददाता, सुपौल : सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ट्यूनिग आफ स्कूल कार्यक्रम चलाया जाएगा। यह योजना सरकारी स्कूलों के आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए शुरू की गई है। आठवीं क्लास के बच्चे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों से जुड़ेंगे जिसमें बच्चे शिक्षा से संबंधित अनुभव को साझा करेंगे। इससे उसमें उच्च कक्षाओं में पढ़ने की ललक बढ़ेगी। फिलहाल यह कार्यक्रम जिले में ग्रीष्मावकाश समाप्त होने के बाद शुरू की जाएगी। जिसके तहत आठवीं क्लास के बच्चे माध्यमिक विद्यालयों का भ्रमण कर आपस में अपने अनुभव को साझा करेंगे।


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ग्रामीण बच्चों को शहर और शहरी बच्चों को ग्रामीण स्कूलों का कराया जाएगा भ्रमण
योजना के तहत मध्य विद्यालय के खासकर आठवीं के बच्चे स्कूलों में भ्रमण करेंगे और वहां के सभी तरह की शैक्षणिक गतिविधियों को जानेंगे। यह एक कामन प्लेटफार्म होगा जिसमें छात्र दूसरे स्कूलों की गतिविधियों को न सिर्फ जान सकेंगे बल्कि दो स्कूलों के बीच के बच्चों के बीच संवाद और अनुभव की भी साझेदारी होगी। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शहरी क्षेत्र के स्कूल में और शहरी क्षेत्र के बच्चों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ले जाया जाएगा ताकि बच्चे दूसरे स्कूलों को देख और समझ सकें तथा आपस में अनुभव साझा कर सकें। अगर किसी स्कूल में अच्छा काम हो रहा है या कहीं कमी है तो दोनों स्थितियों में फायदा होगा। प्रत्येक ग्रुप में 14 से 20 बच्चों के समूह को शामिल किया जाएगा।
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बच्चों के अनुभव के आधार पर बेहतर चीजों को किया जाएगा लागू
बच्चों के संवाद और अनुभव के आधार पर बेहतर चीजों को दूसरे स्कूल में भी लागू किया जाएगा। वहीं जो कमी होगी उसे दूर करने का भी प्रयास होगा। ट्यूनिग आफ स्कूल के तहत जब बच्चे स्कूल जाएंगे तो प्रभारी उसके साथ भी रहेंगे। जब मध्य विद्यालय के बच्चे उच्च विद्यालय का भ्रमण करेंगे तो स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य दोनों विद्यालयों के बच्चे व शिक्षक द्वारा अपने विद्यालयों के मजबूत पक्षों को भी साझा करेंगे साथ ही शैक्षणिक गतिविधियों व नवाचार से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श भी किया जाएगा।
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कोट-
यह योजना स्कूलों में दो वर्ष पूर्व ही लागू की जानी थी परंतु कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पाया। अब जब विद्यालय पूर्व की तरह नियमित संचालित होने लगी हैं तो इस योजना को प्रमुखता के तौर पर लागू की जाएगी। इसके लिए मध्य विद्यालयों को सरकार द्वारा दो हजार रुपये भी दिए जाएंगे जिसे भ्रमण के दौरान बच्चों पर खर्च किया जाना है।
-सुभाष कुमार
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान

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