युवाओं में बढ़ा कफ सिरफ का चलन, खतरे में पड़ गई है सेहत

संसू, महिषी (सहरसा) : शराबबंदी के बाद नशा के सौदागर कई प्रकार के वैकल्पिक नशीले पदार्थों बाजार में लाने लगे हैं। इससे पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के बदले गांजे का प्रचलन बढ़ता नजर आ रहा था, परंतु पिछले पांच - छह माह में प्रतिबंधित कफ सिरप की खपत ग्रामीण इलाके में बढ़ गई है। कफ सिरफ ने नशा करने वालों खासकर युवा पीढ़ी में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी है। युवाओं में नशे की इस नयी प्रवृति से लोग परेशान दिख रहे हैं। वहीं इसका उपयोग करने वाले युवाओं के सेहत पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

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सहरसा-दरभंगा पथ बना नया रूट
सहरसा-दरभंगा पथ के बनने के बाद जहां राजधानी व अन्य शहरों के लिए राहगीरों के लिए आवागमन में आसानी हुई है। वहीं यह पथ नशे के सौदागरों के लिए मुफीद साबित हो रही है। इस मार्ग पर पकड़ी जा रही नशीली पदार्थों की खेप इस बात की तस्दीक करते हैं।
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रक्सौल तक फैला है नेटवर्क
इस मार्ग पर कई बार शराब की बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी है, जबकि राजनपुर में चार वर्ष पूर्व पकड़ी गई गांजा की बड़ी खेप रक्सौल से इसी रास्ते पहुंचने की बात सामने आयी थी। अब इसी पथ पर बसे बलुआहा और पस्तवार से कई बार कफ सिरप का पकड़ा जाना, ये स्पष्ट करता है कि इस पथ पर कड़ी निगरानी जरूरत है।
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कब-कब पकड़ा गया कफ सिरप
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एक - गत 14 मार्च को पस्तवार मध्य विद्यालय के समीप चार सौ बोतल कफ सिरप के साथ बिहरा थाना क्षेत्र के घीना गांव के शशिभूषण कुमार एवं मधेपुरा जिले के मठाई गांव के निवासी गुड्डू कुमार को महिषी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
दो :- गत 31 मार्च को पांच सौ बोतल कफ सिरप के साथ पस्तवार चौक से महिषी थाना पुलिस ने मीर टोला के प्रदीप कुमार और नालंदा जिले के उमराव बिगहा के मुकेश सिंह को गिरफ्तार किया था।
तीन :- गत दो अप्रैल को बलुआहा पुल पर चार चक्का वाहन में एक हजार बोतल कफ सिरप के साथ महिषी थाना पुलिस ने पटना के कुंदन कुमार और बटराहा के टीपू कुमार को गिरफ्तार किया था।
चार :- गत 23 मई को बलुआहा के अनिल साह के मवेशी घर से महिषी थाना पुलिस ने तीन हजार बोतल कफ सिरप बरामद कर गृहस्वामी को गिरफ्तार किया था।
छह :- गत छह जून को कारू खिरहरी स्थान अंतर्गत कोसी नदी के समीप एक सौ बोतल कफ सिरप के साथ महपुरा के रंधीर कुमार को गिरफ्तार किया गया था।
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क्या कहते हैं चिकित्सक
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प्रसिद्ध फिजिशियन डा. आइडी सिंह का कहना है कि नशे के तौर पर कफ सिरप का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए घातक है। लंबे समय तक इसके उपयोग से मानव अंग क्षतिग्रस्त हो जाता है और अंतत: उसकी मौत हो जाती है।
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क्या कहते हैं एसडीपीओ
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एसडीपीओ संतोष कुमार बताते हैं कि नशीले पदार्थ का धंधा करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। सहरसा-दरभंगा पथ समेत दूसरे जिले से जुड़ने वाली सड़क पर विशेष चौकसी बरती जा रही है।

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