कलश शोभा यात्रा में उमड़े श्रद्धालु

संवाद सूत्र, परबत्ता (खगड़िया)। सियादतपुर अगुवानी पंचायत स्थित डुमरिया बुजुर्ग गांव अवस्थित ठाकुरबाड़ी से भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई। कलश यात्री गाजे बाजे के साथ ठाकुरबाड़ी से कलश लेकर उत्तरवाहिनी अगुवानी गंगा घाट पर पहुंचे। जहां विधि विधान पूर्वक कलश में गंगा जल भरा गया। उसके बाद कलश यात्री पांव पैदल ठाकुरबाड़ी पहुंचे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापित किए गए। जगह-जगह लोगों ने श्रद्धालुओं का पुष्प वर्षा का स्वागत किया। यह कलश शोभा यात्रा राम-जानकी की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर निकाली गई।


काशी विश्वनाथ से पधारे आचार्य पंडित देवनारायण शर्मा के नेतृत्व में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर आचार्य प्रकाश सिंह ने बताया कि ठाकुर जी की महिमा अपरंपार है। इस मौके पर तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन किया गया है। चहुं ओर श्रद्धा की गंगा बह रही है। तीन दिवसीय अखंड रामध्वनि महायज्ञ का भी आयोजन किया गया है। इस मौके पर पूर्व प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह, मिथिलेश सिंह, सुमन सिंह, अनिल सिंह, अजय सिंह, जयप्रकाश सिंह, अभय सिंह, विपिन सिंह, लक्की सिंह आदि मौजूद थे। श्रीमद् भागवत कथा में बरस रही अमृत सुधा
संवाद सूत्र, परबत्ता (खगड़िया): सियादतपुर अगुवानी पंचायत के मध्य विद्यालय अगुवानी टू के प्रांगण में नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ का आयोजन किया गया है। यहां श्रद्धा की सरिता बह रही है। दूर-दूर से आकर श्रद्धालु श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के सेवार्थ स्वयं सेवक नियुक्त किए गए हैं। उनके लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है। वृंदावन से पधारे कथावाचक भागवत शरण आचार्य और विमल कृष्ण शुक्ला अमृत सुधा बरसा रहे हैं।
श्रद्धालु श्रद्धा के सागर में लगाते रहे गोते
संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया): तेलिहार के कामास्थान में एक दिवसीय शिव गुरु आध्यात्मिक महोत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर श्रद्धा की गंगा बह उठी। दूर दूर के श्रद्धालुओं ने शिव गुरु आध्यात्मिक महोत्सव में भाग लिया। इस मौके पर सहरसा से पधारे रमेश्वर गुरु भाई ने भगवान शिव की महिमा का बखान करते हुए कहा कि शिव जन जन के गुरु हैं। बिना भक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, प्रगति, उन्नति कुछ भी संभव नहीं है। इसलिए शिव को गुरु बनाकर अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए शिव शिष्य बनें। गुरु भाई अनिल सोनी ने कहा कि शिव आज भी गुरु हैं। महादेव देवों के देव हैं। इस मौके पर एक से बढ़कर एक शिव भजन प्रस्तुत किए गए। श्रोता श्रद्धा के सागर में गोते लगाते रहे।

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