नगर परिषद सुपौल का कार्यकाल पूर्ण, अधिकारियों के हाथ में कमान

जागरण संवाददाता, सुपौल। नौ जून को नगर परिषद सुपौल के पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण हो गया। इसी के साथ ही नगर परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत सभी सदस्य अब निवर्तमान हो गए हैं। वहीं नगर परिषद बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नगर परिषद का संचालन किस व्यवस्था के तहत होगा इसको लेकर सरकार की तरफ से अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है। फिलहाल नगर वासियों की नजर सरकार के फैसले पर टिकी हुई है।

नगर परिषद की कमान फिलहाल पूरी तरह से नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के हाथ आ गई है । पिछले टर्म में नगर परिषद सुपौल का गठन 5 वर्ष पूर्व 9 जून 2017 को हुआ था। जिसमें अध्यक्ष के रूप में अर्चना कुमारी तथा उपाध्यक्ष के तौर पर किरण कुमारी निर्विरोध चुने गए थे। पांच वर्ष के दौरान इन दोनों के विरुद्ध कभी भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया और ये दोनों निर्बाध रूप से अपने कार्यकाल को पूरा किये। इधर आयोग ने अगले चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल मतदाता सूची तैयारी को ले कार्य प्रगति पर है। 23 जून को मतदाता सूची का अंतिम रूप से प्रकाशन किया जाना है। तैयारी की गति को देख लगता नहीं कि तीन-चार माह से पहले चुनाव संभव हो पाएगा। कारण है कि इधर बारिश के मौसम ने दस्तक दे दी है । जिले में हर वर्ष बाढ भी आती है। ऐसे में दो-तीन माह प्रशासन की व्यवस्था बाढ़ को लेकर काफी अधिक रहती है। जिले में अगर चुनाव भी होंगे तो बारिश और बाढ़ के बाद ही संभव होगा। ऐसे में नगर निकाय चुनाव सितंबर से पहले संभव होता नहीं दिख रहा है।
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दो नगर परिषद समेत चार नगर पंचायत का होगा चुनाव
इस बार जिले में दो नगर परिषद समेत चार नगर पंचायत के चुनाव होंगे। एक वर्ष पूर्व जिले में एक नगर परिषद समेत दो नगर पंचायत नवसृजित किए गए हैं। इससे पहले एक नगर परिषद समेत दो नगर पंचायत हुआ करता था। इस तरह अब जब चुनाव होंगे तो जिले में दो नगर परिषद समेत चार नगर पंचायत चुनाव में शामिल होंगे। इसके अलावा सरकार ने इस बार नगर निकाय गठन के प्रावधान में भी बदलाव किया है। जहां पहले नगर परिषद और नगर पंचायत के अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता था वही इस बार सदस्यों के अलावा इन दोनों पदों के चुनाव मतदाता सीधे मतदान के द्वारा करेंगे। हालांकि इस बार विभिन्न पदों के आरक्षण में भी बदलाव की संभावना है। ऐसे में चुनाव लड़ने की चाहत रखने वाले अभ्यर्थियों को आरक्षण रोस्टर का बेसब्री से इंतजार है।

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