जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी नहीं हुई जांच

संवाद सहयोगी, निर्मली (सुपौल) : नगर पंचायत निर्मली भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी हुई है। विगत 5 वर्षों से भ्रष्टाचार के दर्जनों मामले का जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारियों द्वारा कई बार नगर पंचायत निर्मली की जांच प्रक्रिया पूर्ण की गई है कितु आज तक मामले की लीपापोती ही हुई है। किसी भी जांच अधिकारी के द्वारा दोषी पर विभागीय कार्रवाई नहीं होते देखा गया है। एक बार पुन: नगर पंचायत निर्मली में भ्रष्टाचार का मामला सुलगने लगा है। नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार सरकार के विशेष कार्य पदाधिकारी के द्वारा जिलाधिकारी को जांच करने से संबंधित निर्देश पत्र आया है। इसी आलोक में जिलाधिकारी ने जिला स्तर से लेकर अनुमंडल स्तर तक के तीन पदाधिकारियों की संयुक्त जांच टीम का गठन करते हुए एक सप्ताह के अंदर जांच प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी ने 2 जून को पत्र निर्गत किया था । इसके मुताबिक उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी निर्मली एवं वरीय कोषागार पदाधिकारी सुपौल को एक सप्ताह के अंदर जांच प्रतिवेदन समर्पित करना था।

चालू वर्ष में 80 हेक्टेयर में केला, 30 हेक्टेयर में आम तथा 15 हेक्टेयर में होगी लीची की खेती यह भी पढ़ें
-----------------------
बीत गई समय सीमा नहीं हुई जांच
नगर पंचायत निर्मली में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर जिलाधिकारी द्वारा निर्गत जांच आदेश की समय सीमा बीत जाने के बाद भी गठित जांच टीम के पदाधिकारियों द्वारा जांच प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी को समर्पित नहीं किया गया है। यह उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना है या मामले की लीपापोती किए जाने का विभागीय सिस्टम। स्थिति है कि नगरवासी शिकायत करते हैं, अधिकारी जांच करने के लिए आते हैं, रिपोर्अ बनाई जाती है और नतीजा सिफर। यह सिलसिला विगत कई वर्षों से चल रहा है कितु आज तक कार्रवाई नहीं हुई।

अन्य समाचार