जिले के अस्पतालों में एंबुलेंस की कमी का खामियाजा भुगत रहे मरीज



जागरण संवाददाता, मधेपुरा: जिले में एंबुलेंस की घोर कमी का खामियाजा इन दिनों मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। सदर अस्पताल सहित जिले के 38 सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए मात्र 16 एंबुलेंस ही उपलब्ध है। 16 एंबुलेंस में से 10 एंबुलेंस पूरी तरह जर्जर स्थिति में है। उन एंबुलेंस की स्थिति यह है कि वह कहीं भी रास्ते में खराब हो जाती है। लिहाजा लोगों को प्राइवेट एंबुलेंस पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। अस्पतालों में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने और जर्जर एंबुलेंस को ठीक करवाने की दिशा के स्वास्थ्य प्रशासन सजग नही दिख रही है।

गरीब मरीजों पर पड़ रहा इसका असर एंबुलेंस की कमी का असर सबसे अधिक गरीब मरीजों पर पड़ रहा है। जिले में वर्तमान समय में कुल 22 एंबुलेंस उपलब्ध है। जिसमें से तीन एम्बुलेंस पूरी तरह बेकार हो चुका है और तीन एंबुलेंस खराब हो गैराज में पड़ा है। 16 एम्बुलेंस के सहारे सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल सहित जिले के 38 सरकारी अस्पताल का कामकाज चल रहा है। उपलब्ध एम्बुलेंस की हालत भी काफी खराब है।
एंबुलेंस में नहीं रहता है दवा का किट मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही खराब हो जाती है। दूसरी बात अस्पतालों में चल रहे अधिकतर एंबुलेंस में दवा किट तक उपलब्ध नहीं है। एंबुलेंस से जाने के दौरान अगर रास्ते में किसी मरीज की अधिक तबियत खराब हो जाती है तो उस मरीज को तत्काल नजदीक के अस्पताल तक पहुंचाने तक के लिए भी दवा एंबुलेंस में उपलब्ध नहीं रहती है।
कोट जिले में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति को कई बार पत्र लिखा गया है। जहां तक उपलब्ध एंबुलेंस के खराब होने की बात है तो उसके लिए एंबुलेंस संचालक कंपनी के एसीओ को खराब एम्बुलेंस को जल्द ठीक करवाने का निर्देश दिया गया है। -डा. अमरेंद्र नारायण शाही,
सिविल सर्जन
मधेपुरा

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