नीलाम पत्र वादों के त्वरित निष्पादन का आयुक्त ने दिया निर्देश

संस, सहरसा : प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने सहरसा, मधेपुरा व सुपौल जिले के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जिलों में लंबित नीलाम पत्र वादों के त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया है। जिलाधिकारियों को संबोधित पत्र में आयुक्त ने कहा कि अधीनस्थ कार्यालयों के निरीक्षण एवं जिलों से प्राप्त प्रतिवेदनों से यह स्पष्ट हो रहा है कि जिलों में विभिन्न स्तरों पर नीलाम पत्र पदाधिकारियों द्वारा न तो नीलाम पत्र वादों की सुनवाई की जाती है, और न ही लोक मांग वसूली अधिनियम (पीडीआर एक्ट) में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है, जो उचित नहीं है। कहा कि इससे एक ओर राजस्व वसूली पर विपरीत असर पड़ता है, और दूसरी ओर बैंकों द्वारा दिए गए ऋणों की वसूली में उन्हें सहयोग नहीं मिल पाता है। आयुक्त ने कहा कि यह भी पाया गया है कि अंचल अधिकारी द्वारा पचास हजार रुपये तक के वाद पर कार्रवाई की जानी है, परंतु उनके यहां उससे अधिक राशि के अभिलेख लंबित है, जिसपर वर्षों से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।


आयुक्त ने अंचल, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर कार्यरत नीलाम पदाधिकारियों द्वारा पंजी नौ एवं दस का मिलान एक पक्ष के अंदर करने, सभी संबंधित नीलाम पत्र वाद के पदाधिकारी द्वारा अन्य वादों/ कार्यों की तरह नीलाम पत्र वादों की सुनवाई करने का निर्देश दिया। कहा कि जिन पदाधिकारियों को लोक मांग एवं वसूली अधिनियम के तहद नीलात पत्र वाद निष्पादन करने की शक्ति प्राप्त नहीं है, वैसे पदाधिकारियों को चिह्नित एवं नामित कर उन्हें प्रदान करने हेतु प्रस्ताव भेजा जाए। आयुक्त ने कहा कि अंचल स्तर पर पचास हजार तक के अभिलेख अनुमंडल स्तर पर एक लाख तक का अभिलेख तथा जिला स्तर पर एक लाख से अधिक के अभिलेखों की सुनवाई की जाती है। इसमें जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रदत शक्तियों के अनुरूप अभिलेख संबंधित पदाधिकारी के पास सुनवाई हेतु भेजा जाए। जिलों में जिला नीलाम पत्र वाद से संबंधित पदाधिकारियों की रैंकिग किया जाए। कहा कि जो पदाधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाए, तथा जो पदाधिकारी लगातार खराब काम करते हैं, उन्हें चिह्नित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई भी किया जाए। प्रमंडलीय आयुक्त ने जिलाधिकारियों को इन निर्देशों का अनुपालन अपने जिला में ²ढतापूर्वक कराने तथा कृत कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया है।

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