सेविका चयन मुक्त,पर्यवेक्षिका का आधा मानदेय कटा

जा सं शेखपुरा

आंगनबाड़ी सेविका का दुस्साहस देखिए कि निरीक्षण में डीएम द्वारा अंकित लिखित टिपण्णी वाला पन्ना ही पंजी से फाड़ कर हटा दिया।
आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन और टीएचआर वितरण में गड़बड़ी पकड़े जाने पर डीएम ने चेवाड़ा की सेविका अंजू कुमारी को चयन मुक्त कर दिया है। साथ ही संबंधित महिला पर्यवेक्षिका का 15 दिन का मानदेय कटौती का आदेश दिया है। यह कार्रवाई स्वयं डीएम द्वारा एक जून को किये गए औचक निरीक्षण में मिली गड़बड़ी और उसके बाद कराई गई जांच की रिपोर्ट पर की गई है। चयन मुक्त की गई सेविका अंजू केंद्र संख्या 74 पर कार्यरत थी। महिला पर्यवेक्षिका का नाम रीना भारती बताया गया है। डीपीआरओ सोनी कुमारी ने बताया केंद्र पर बच्चे कम मिलने के साथ उन्हें पोषाहार नहीं मिला था और टीएचआर वितरण में भी चावल-दाल को कटौती की गई थी। हद तो यह कि 1 जून को निरीक्षण के दौरान डीएम ने केंद्र की पंजी के जिस पन्ने पर अपनी टिप्पणी लिखी थी सेविका ने अगले दिन उस पन्ने को ही फाड़कर पंजी से हटा दी थी। डीएम के निरीक्षण के अगले ही दिन 2 जून को डीपीओ तृप्ति सिन्हा ने उक्त केंद्र का निरीक्षण किया तब पंजी का दो पन्ना फटा हुआ मिला। दूसरे दिन भी केंद्र पर बच्चे नहीं मिले। आंगनबाड़ी में चल रहे खाओ-पकाओं की कार्य संस्कृति पर डीएम का यह पहला बड़ा चोट है। डीएम की इस कार्रवाई के साथ ही अब जिला में विभिन्न स्तरों से आईसीडीएस के सिस्टम का लीकेज बंद करने की बात उठनी शुरू हो गई है।

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