भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार चीनी नागरिकों की जालसाजी के बाद जासूसी की जांच तेज

सीतामढ़ी। भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार चीनी नागरिकों की जालसाजी सामने आने के बाद उनके जासूस होने के संदेह पर तमाम सुरक्षा एजेंसियां अपने-अपने स्तर से तेजी से जांच में जुट गई हैं। ग्रेटर नोएडा (गुरुग्राम) में गिरफ्तार दोनों चीनी नागरिकों का पनाहगार कैरी उर्फ कैले के बारे में पुलिस को जासूस होने के सुबूत हाथ लगे हैं। यह भी पता चला है कि वह स्लीपर सेल तैयार कर रहा था। सीतामढ़ी के भिट्ठामोड़ बॉर्डर पर पिछले दिनों गिरफ्तार लु लैंग एवं युआन हेलंग के बारे में पुलिस उनकी जासूसी की जांच कर रही है। पुलिस के आधिकारिक सूत्र ने मंगलवार को कहा कि न्यायिक हिरासत में चल रहे दोनों नागरिकों से दोबारा पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड की दरख्वास्त की जाएगी। कैरी उर्फ से मिले सुबूतों के बाद सीतामढ़ी मंडल कारा में बंद दोनों नागरिकों से पूछताछ बेहद जरूरी हो गई है।


भारत-नेपाल सीमा पर स्लीपर सेल की मदद से ही दोनों बॉर्डर पार हुए
भारत-नेपाल सीमा पर स्लीपर सेल की सक्रियता से भी पुलिस व एसएसबी के आधिकारिक सूत्र इन्कार नहीं करते। दोनों चीनी नागरिक थाईलैंड से नेपाल में प्रवेश करने के बाद बॉर्डर तक आने के लिए उन्हीं स्लीपर सेल की मदद ली थी। स्लीपर सेल ने ही उन दोनों को सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए साइकिल उलपब्ध कराई थी ताकि, बॉर्डर आसानी से पार कर हिदुस्तान में दाखिल कर सकें। इनके दोस्त ने भी फोन पर दोनों चीनी नागरिकों को भारत-नेपाल की खुली लंबी सीमा के बारे में बताते हुए कहा था कि इस रास्ते से भारत में आसान से घुसपैठ हो जाएगी और स्लीपर सेल भी मदद के लिए तैयार रहते हैं। बॉर्डर पर ये स्लीपर सेल हर तरह से मदद में सक्षम होते हैं तथा सभी भाषाओं के भी अच्छे जानकार होते हैं जिससे उनसे वार्तालाप में कोई दिक्कत नहीं आती।

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