1936 पेंशन लाभुकों का नहीं हो पाया है जीवन प्रमाणीकरण

संवाद सूत्र,पुरैनी (मधेपुरा)। प्रखंड क्षेत्र के सभी नौ पंचायतों में सरकारी स्तर से बारंबार निर्देशित किए जाने के बावजूद अब तक 1936 पेंशन लाभुकों का जीवन प्रमाणीकरण नहीं कराया जा सका है। लिहाजा ऐसे लाभार्थी आने वाले समय में सरकारी स्तर से प्रदान की जाने वाली पेंशन राशि से वंचित हो जाएंगे। मालूम हो कि अब तक जीवन प्रमाणीकरण नहीं होने वाले लाभार्थियों के लिए सरकारी विभागीय स्तर से प्रखंड क्षेत्र के सभी नौ पंचायतों में बीते एक जून से आगामी 30 जून तक शिविर का आयोजन कर वंचित लाभार्थियों का जीवन प्रमाणीकरण कार्य किया जा रहा है। प्रखंड कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार प्रखंड क्षेत्र के कुरसंडी पंचायत में 191,सपरदह में 253,औराय में 308,नरदह में 184,गणेशपुर में 198,पुरैनी में 267, बंशगोपाल में 244 मकदमपुर में 135 एवं दुर्गापुर पंचायत में 156 सहित कुल 1936 लाभार्थियों का अब तक जीवन प्रमाणीकरण नहीं हो पाया है। लिहाजा आने वाले समय में वैसे सभी लाभार्थी पेंशन राशि से वंचित हो जाएंगे। बताया जाता है कि जीवन प्रमाणीकरण नहीं होने वाले अधिकांश लाभार्थियों की जहां मृत्यु हो चुकी है। वहीं कुछ लाभार्थी प्रखंड क्षेत्र से बाहर निवास करने लगे हैं।जबकि कुछ वैसे भी लाभार्थी हैं जिनका बायोमेट्रिक अथवा आइरिश स्कैनर से जीवन प्रमाणीकरण नहीं हो पा रहा है। इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आगामी 30 जून तक जीवन प्रमाणीकरण नहीं कराने वाले लाभार्थियों को जुलाई माह से पेंशन की राशि से वंचित होना पड़ेगा उन्होंने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत सरकार भवन या पंचायत भवन में जीवन प्रमाणीकरण से वंचित लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन के लिए शिविर का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावे लाभार्थियों द्वारा ई लाभार्थी पोर्टल पर भी एंट्री कराने पर उन्हें प्रमाणिक कृत मान लिया जाएगा। बीडीओ ने बताया कि वैसे पेंशन धारी जिनका बायोमेट्रिक या आइरिस स्कैनर से जीवन प्रमाणीकरण किसी कारणवश नहीं हो पाया है या वैसे लाभुक जिनका जीवन प्रमाणीकरण को एक वर्ष से ऊपर हो चुका है। साथ ही उनका पेंशन बंद रहने की स्थिति में उन्हें निश्चित रूप से अपना जीवन प्रमाणीकरण कराना होगा। अन्यथा वैसे सभी लाभार्थियों का जुलाई माह से पेंशन बंद कर दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि जीवन प्रमाणीकरण से वंचित लाभार्थियों के घर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका द्वारा भी सत्यापन कराया जा रहा है।


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