खुश्कीबाग रेलवे पुल के नीचे सजती है लाटरी की मंडी

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। पूर्णिया जिले में खुश्कीबाग पुल के नीचे लाटरी टिकट बेचने वालों की मंडी लगती है। यहां बिकने वाले लाटरी टिकटों की तीन बार ड्रा होता है। पहला ड्रा दोपहर एक बजे दूसरा शाम छह बजे और तीसरा रात को आठ बजे होता है। पूर्णिया में औसतन हर दिन तीस लाख से चालीस लाख के लाटरी का कारोबार होता है।

लाटरी के खेल में लाटरी टिकट बेचने वाले भले करोड़ पति बन गए लेकिन हर दिन लाटरी टिकट में लाखपति बनने का सपना देखने वाले खाकपति बन रहे हैं। हर दिन सुबह-सुबह लॉटरी का थोक मंडी चौहान टोला के लीची बागान में लगता हैं इसको संचालित करने वाला चौहान टोले का रहने वाले एक युवक है। खुश्कीबाग हाट के अंदर मछली पट्टी में जहां एक पतंजलि का दुकान चलाया जाता था आज वह दुकान बंद कर दुकान के पीछे के दरवाजे को खोलकर लॉटरी का थोक बिक्री का काम किया जा रहा है खुश्कीबाग फल पट्टी में भी दो युवकों द्वारा लॉटरी का थोक बिक्रेता का काम संचालित किया जा रहा है। सुबह से लेकर शाम तक रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे साइकिल और मोटरसाइकिल पर झोला टांग कर धड़ल्ले से लाटरी टिकट बेचने का काम किया जा रहा है। खुश्कीबाग हाट के अंदर हर गली में अवैध लॉटरी के टिकट आसानी से बेचते देखे जा सकते हैं। अवैध लॉटरी के कारोबारी जहां एक नंबर लॉटरी बेचने में कम मुनाफा होता है तो वहीं ज्यादा मुनाफा के लोभ में धड़ल्ले से खुद का लॉटरी प्रिट करवा कर बेचा करते है जिसका पूरा मुनाफा खुद सेलर को प्राप्त होता है। अवैध लाटरी टिकट बेचने वालों का सदर थाना क्षेत्र में मनोबल कितना बढ़ा हुआ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की उन्हें ना तो पुलिस का भय दिखता है और ना ही किसी छापामारी का। लाटरी बेचने वाले कहते हैं यह धंधा ऐसे थोड़े चल रहा है। ऊपर तक सब मैनेज है इसी कारण यह धंधा फल फूल रहा है। वे कहते हैं इस अवैध कारोबार को संचालित करने में अवैध कमाई का एक बड़ा हिस्सा बांटना पड़ता है इसके बाद ही सबकी जुबान इस मामले को लेकर बंद होती है। हालांकि पुलिस सदर थाना क्षेत्र में लाटरी के अवैध कारोबार की बात को सिरे से खारिज करती है लेकिन खुलेआम लाटरी के दिनभर भटकते कारोबारी एवं व्यापार पुलिस के इस दावे की पोल खोलता नजर आ रहा है।
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