सरकार पर ही निर्भर नहीं रहेगा विद्यालय, पूरी होगी जरूरत

संसू,नवहट्टा (सहरसा) : प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल अपनी जरूरतों के लिए अब सिर्फ सरकार पर ही निर्भर नहीं रहेंगे। सरकारी व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षक, सामग्री, उपकरण जैसी अन्य आवश्यकताएं निजी क्षेत्र से भी पूरी की जा सकती है। इसके लिए स्कूलों को सिर्फ संबंधित पोर्टल पर लागइन करके अपनी जरूरतों को अपलोड करना होगा। पंजीकृत स्वयंसेवक अपनी पसंद के स्कूल-कालेजों में आवश्यकतानुसार ज्ञान व कौशल की मांग पूरी कराएंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने विद्यांजलि 2.0 योजना शुरू की है। प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों का ज्ञान व कौशल बढ़ाने के लिए उनकी जरूरतें जैसे उपकरण, सामग्री सहित अन्य संसाधन पूरा किया जाना है। योजना के तहत चिह्नित विद्यालयों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार के आगे हाथ नहीं पसारना होगा। अब यह काम पंजीकृत स्वयंसेवक यानी निजी क्षेत्र से पूरा कराया जाएगा। -----
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स्कूल की जरूरत होगी पूरी
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पोर्टल पर पंजीकृत स्वयंसेवक अपनी पसंद के विद्यालयों से सीधे जुड़ेंगे, स्कूलों में ज्ञान व कौशल को साझा करेंगे और सहायता के रूप में जरूरत के हिसाब से उपकरण व सामग्री बिना धनराशि सौंपे उपलब्ध कराएंगे। स्वयंसेवक व सेवा प्रदाता स्कूल में इलेक्ट्रिक, डिजिटल सह शैक्षणिक गतिविधि के उपकरण, खेलकूद, योग, स्वास्थ्य व सुरक्षा सामग्री, शिक्षण अधिगम सामग्री आदि दान के रूप में उपलब्ध करा सकेंगे। स्वयंसेवक स्कूल के कार्यालय में फर्नीचर व स्टेशनरी भी प्रदान कर सकते हैं।
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वेब पोर्टल किया गया है विकसित
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विद्यांजलि वेब-पोर्टल विकसित किया गया है। पोर्टल पर राज्य के सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों को रजिस्टर्ड करना है। पहले चरण में प्रत्येक जिले के सौ सौ विद्यालयों को पंजीकृत करना है।
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दानकर्ता व सेवा प्रदाता का होगा पंजीकरण
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विद्यांजलि 2.0 के तहत दानकर्ता और सेवा प्रदाता का किया जाएगा पंजीकरण। दानकर्ता और सेवा प्रदाता को भी वालंटियर रजिस्ट्रेशन साइट में पंजीकृत करना है। इसके लिए कम्युनिटी बेस्ड आर्गेनाइजेशन, गैर सरकारी संस्थान, अनिवासी भारतीय, कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी को भी स्वैच्छिक समर्थन के लिए प्रोत्साहित करना है। संपत्ति-सामग्री का दान के रूप में असैनिक कार्य, इलेक्ट्रिकल, डिजिटल सह शैक्षणिक गतिविधि के उपकरण, खेलकूद, योग, स्वास्थ्य व सुरक्षा सामग्री, शिक्षण अधिगम सामग्री, मरम्मत, कार्यालय स्टेशनरी, फर्नीचर आदि की आवश्यकता को भी विद्यालय की ओर से अपलोड किया जाएगा।
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राज्य नोडल पदाधिकारी नामित
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इस कार्यक्रम के लिए अपर राज्य परियोजना निदेशक कार्यक्रम को राज्य नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है। जिला स्तर पर सहायक कम्प्यूटर प्रोग्रामर जिला नोडल पदाधिकारी नामित किए जाएंगे। जिला नोडल पदाधिकारी के लिए यूजर आईडी एवं पासवर्ड राज्य कार्यालय द्वारा ई-मेल के माध्यम से भेज दिया गया है।
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कोट विद्यांजलि योजना से विद्यालय में बेहतर सुविधा व संसाधन उपलब्ध कराई जाएगी।
सत्यप्रकाश सिंह
बीईओ, नवहट्टा

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