साल में चार ग्राम सभा करना अनिवार्य, गांव के विकास के लिए प्रतिनिधियों को मिलेगा प्रशिक्षण



------------------------------------------ जागरण संवाददाता, सुपौल: ग्राम पंचायतों के निर्वाचित मुखिया को कम से कम प्रत्येक तीन माह पर एक बार ग्रामसभा आयोजन करना होगा । एक वर्ष में उन्हें चार बार ग्राम सभा का आयोजन करना है। इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देशित किया है। कहा है कि मुखिया कभी भी ग्राम सभा का आयोजन कर सकते हैं। लेकिन कम से कम 4 बार ग्राम सभा आयोजित करना अनिवार्य होगा। मुखिया के नहीं रहने पर संबंधित पंचायत के उप मुखिया ग्राम सभा की अध्यक्षता करेंगे। इसके लिए सभी नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के लिए रोस्टर तैयार किया जा रहा है। सभी प्रखंडों में मास्टर ट्रेनरों को पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित देने का जिम्मा दिया गया है। जिले में 174 पंचायतों में नवनिर्वाचित मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, पंच को प्रशिक्षण दिया जाएगा । ताकि वह गांव के विकास के लिए सामाजिक न्याय के अनुसार योजनाओं का चयन कर सके। इसके लिए हर प्रखंड में 5 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों को योजनाओं के संबंध में जानकारी दी जाएगी। मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के दौरान बिहार पंचायती राज अधिनियम अंतर्गत सामाजिक न्याय के साथ योजनाओं का चयन, ग्राम सभा ,वार्ड सभा ,पंचायत के समस्याओं के निराकरण, ग्राम सभा की अवधि ,वार्ड सभा की अवधि ,ग्राम पंचायत सभा एवं अवधि ,सभा का आयोजन स्थल, ग्राम पंचायत स्थाई समिति का गठन, त्यागपत्र समेत अन्य प्रकार की जानकारियां प्रतिनिधियों को दी जाएगी।
जीविका समूहों के लिए एसबीआइ ने किया ऋण वितरण शिविर का आयोजन यह भी पढ़ें
--------------------------------
ग्राम सभा में पांच फीसद सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य
ग्राम सभा में पंचायत का 5 फीसद और वार्ड सभा में 10 फीसद प्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। अगर ग्राम सभा के आयोजित समय पर निर्धारित संख्या में प्रतिनिधि नहीं पहुंचते हैं या कोरम पूरा नहीं होता है तो ग्राम सभा का मुखिया व वार्ड सभा का वार्ड सदस्य एक घंटा तक इंतजार करने के बाद सभा को रद्द कर सकेंगे। अगर सभा रद्द कर दी जाती है तो अगले सप्ताह फिर से ग्राम सभा एवं पंचायत सभा को आयोजित किया जाएगा।

अन्य समाचार