किशनगंज के रास्ते कई राज्यों तक हो रहा कीमती लकड़ियों की तस्करी

संवाद सहयोगी, किशनगंज : असम की लकड़ियों का किशनगंज के रास्ते बंगाल, बिहार और झारखंड तस्करी में की जाती है। इस तस्करी के खेल में किशनगंज के एंट्री माफियाओं की अहम भूमिका रहती है। किशनगंज जिला सीमावर्ती होने के कारण लकड़ी तस्कर के लिए ये मार्ग काफी महत्वपूर्ण है। इसी रास्ते से होते हुए अन्य राज्यों में प्रवेश कर लकड़ी की डिलिवरी देते हैं। सूत्रों की माने तो असम के सिलचर से सबसे अधिक अवैध लकड़ी की तस्करी पूरे देश में होती है। असम से तस्करी के लिए ट्रक में लोड कर लकड़ी को जैसे ही असम से पश्चिम बंगाल सीमा पहुंचती है तो उन ट्रक में लकड़ी के ऊपर अनाज या अन्य सामानों से झांप दिया जाता हैं। लकड़ी के जगह अनाज या अन्य सामानों का कागजात तैयार कर दिया जाता है और गाड़ी को अच्छी तरह से पैकिग कर आगे की और रवाना करते हैं। इसके बाद रास्ते पर वाहन की जांच होने पर पुलिस को उन कागजातों को दिखा दिया जाता है और तस्कर के लाइनर पूरे सड़क पर चौकन्ने रहते हैं।


जांच के दौरान कही पर फर्जी कागज से तो कहीं पर मोटी रकम देकर गाड़ी को पासिग कराते हैं। इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो गाड़ी अलग अलग राज्य में प्रवेश करते ही नंबर प्लेट भी बदल दिए जाते हैं। इन सब खेलों में किशनगंज के एंट्री माफिया अहम भूमिका निभाते हैं। इनकी पैठ कई विभागों के साथ भी रहती है। सारा खेल फर्जी मोबाईल सीम से संपर्क स्थापित कर चलता है। किशनगंज से गाड़ी को पास करवाने के लिए मोटी रकम एंट्री माफिया वसूलते है। कई बार तो यह माफिया फर्जी पुलिस बनकर वाहन मालिक को मोटी रकम का चूना लगा देते हैं। वाहन मालिक भी मोटी रकम देने के लिए तैयार रहते हैं क्योंकि सारा खेल अवैध रूप से चलता है और जिसका फायदा एंट्री माफिया उठाते हैं। असम से आने वाली लकड़ियों की कीमत भी करोड़ों में होती हैं। जिस कारण तस्कर किसी भी तरीके से अपने गाड़ी को पासिग करवाने में पीछे नहीं हटते है।
किशनगंज के रास्ते नेशनल हाईवे-27 मे लकड़ी तस्करी मामले में टाउन थाना की पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार लाइनर सहित चालक और खलासी को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। वहीं पुलिस ने जब्त ट्रक से बेशकीमती सागवान लकड़ियों की बड़ी मशक्कत के बाद काउंटिग कर सीजर लिस्ट बनाया है। जिसमें कुल 60 लकड़ी के लबें चौड़े पीस है।
वहीं टाउन थाना मे दर्ज एफआईआर में लाइनर पूर्णिया के डगरुआ निवासी दिन दयाल कुमार लाल भगत, चालक वंशीलाल, खलासी जनता राम सहित तकरीबन पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही हैं। अधिकारियों की माने तो जांच में जिनका भी नाम सामने आएगा उनपर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।
एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी ने बताया कि तीन दिन पहले दबोचे गए लकड़ियों के वाहन को जब्त कर एफआइआर की गई है। लाइनर सहित चालक व खलासी को जेल भेज दिया गया है। पूरे मामले का जांच किया जा रहा है। जिनकी भी संलिप्तता सामने आएगी उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस सभी बिदुओं पर बारीकी से जांच कर रही हैं।

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