कोसी त्रासदी की याद को ताजा कराता रहता है क्षतिग्रस्त पुल

संवाद सूत्र, प्रतापगंज (सुपौल) : कोसी त्रासदी के बाद प्रखंड क्षेत्र में आज भी बाढ़ के जख्म नहीं भरे हैं। बाढ़ के उन जख्मों में से एक जीता-जागता नमूना है सूर्यापुर पंचायत के झुनकी चौक से परसा बीरबल, जयनगरा गांव होते हुए चिलौनी दक्षिण पंचायत के इटवा चौक तक जाने वाली सड़क के पासवान टोला के समीप जयनगरा धार पर क्षतिग्रस्त पुल। 2008 के कोसी के महाप्रलय में इस सड़क में जहां जगह-जगह गड्ढे बन गए, वहीं सड़क में बना आरसीसी पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। कोसी त्रासदी के बाद प्राथमिकता के आधार पर सरकार ने बाढ़ में क्षतिग्रस्त ग्रामीण सड़क एवं पुल-पुलियों की मरम्मत करा यातायात बहाल कराने की बात कही थी लेकिन इस सड़क और पुल की स्थिति आज भी जस की तस है। पुल के कारण हो रही कठिनाईयां उस त्रासदी की याद को लोगों को भूलने नहीं दे रही है। उक्त मार्ग के आसपास के अवस्थित गांव की एक बड़ी आबादी या तो झुनकी चौक आकर छातापुर, त्रिवेणीगंज, हरिहरपट्टी, प्रतापगंज आदि जगहों से यात्रा करते हैं या फिर इटवा चौक पहुंच कर राघोपुर, सिमराही, गणपतगंज आदि जगहों के लिए जाते हैं। प्रभावित आबादी के लिए सड़क रहने के बावजूद उक्त क्षतिग्रस्त पुल पर बड़े वाहन का परिचालन बंद है। विभाग द्वारा पुल क्षतिग्रस्त है का बोर्ड भी लगाया गया है। बाढ़ के बाद उक्त सड़क का जीर्णोद्धार किया गया। 2020 में भी मुख्यमंत्री सड़क अनुरक्षण विभाग से कार्य कराया गया है लेकिन पुल के जीर्णोद्धार की दिशा में कोई काम नहीं हुआ। ग्रामीण धर्मदेव पासवान, सत्य नारायण पासवान, देव नंदन पासवान, विद्यानंद पासवान, कलानंद पासवान, विक्रम पासवान, पवन पासवान, महंथी पासवान आदि बताते हैं कि पुल से ईंट लोडेड ट्रैक्टर के गुजरने के वक्त पुल हिलने लगता है। ग्रामीणों द्वारा जनप्रतिनिधि और अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन नतीजा सिफर निकला। सूर्यापुर पंचायत के मुखिया महानंद पासवान ने बताया कि वरीय पदाधिकारियों को इस महत्वपूर्ण पुल के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति से अवगत कराया गया लेकिन अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की गई है।


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