आज भी हजारों लोगों का सपना है पक्का मकान

संस, सहरसा : सरकार ने वर्ष 2022 में सभी जरूरतमंदों को पक्का मकान देने का जो दावा किया जा रहा है। सहरसा जिले में धरातल पर खोखला साबित हो रहा है।

जिले की लगभग सभी पंचायतों में बड़ी संख्या में लोग इस बरसात के मौसम में फूस के घरों और तंबू में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस वर्ष भी जहां आगजनी की घटनाएं हुई, वहां छत के अभाव में पूरा का पूरा गांव टोला स्वाहा हो गया। सरकार का घोषित वर्ष 2022 भी छह महीना बीत चुका है। ऐसे में कम-से-कम इस वर्ष को सभी आवासविहीनों को छत मिलने की संभावना नहीं दिखाई दे रहा है।

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76787 लोगों को दिया गया पीएम आवास योजना का लाभ
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वर्ष 2004 के 2016 तक लगभग साढ़े तीन लाख लोगों को इंदिरा आवास योजना ग्रामीण के तहत 35 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। इस योजना में प्रारंभिक दौर से ही बिचौलियागिरी हावी रहा जिसके कारण राशि का उठाव के बावजूद अधिकांश लोगों का घर नहीं बन सका। वर्ष 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्रारंभ किया।
इस योजना के प्रारंभ होने से वर्ष 2020-21 तक 76787 लोगों का आवास स्वीकृत हुआ इसे 73941 को प्रशासन ने तैयार भी करा लिया। इस बीच वर्ष 1994 से 2004 के बीच आवास योजना का लाभ लेने वाले लोगों का आवास जर्जर हो जाने के कारण इनलोगों को भी मुख्यमंत्री जीर्णोद्धार योजना से आवास योजना का लाभ दिया गया। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग आवास की सुविधा से वंचित है। इस वर्ष भी जिन गांवों में आग लगी, वहां छतदार मकान नहीं रहने के कारण टोला का टोला स्वाहा हो गया। जिलाधिकारी ने स्वयं तटबंध और अन्य जगहों पर भ्रमण के क्रम में पाया कि जिले में बड़ी संख्या में लोग आवास की सुविधा से वंचित है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को ऐसे लोगों का सर्वे कराकर आवास योजना का लाभ देने का निर्देश दिया।
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पूर्व में किए गए सर्वे के आधार पर चिह्नित सभी लाभुकों को आवास योजना का लाभ दे दिया गया है। इस बीच जिलाधिकारी के निर्देश पर अभियान चलाकर आवासविहीन लोगों को चिह्नित कर सूचीबद्ध किया गया है। उनलोगों को आवास की सुविधा देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। उम्मीद है कि शेष लोगों को भी शीघ्र आवास की सुविधा मिल जाएगी। विनय कुमार मंडल, डीडीसी, सहरसा।

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