प्रतिवर्ष करोड़ों का राजस्व देने वाले किशनगंज रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का है अभाव

संवाद सहयोगी, किशनगंज : रेलवे को यात्रियों से करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष राजस्व देने वाले किशनगंज रेलवे स्टेशन आज भी कई यात्री सुविधाओं का अभाव है। प्रतिदिन हजारों के तादाद में यात्री स्टेशन से ट्रेनों में आवागमन करते हैं, लेकिन आज भी तेज धूप हो या तेज बारिश खुले आसमान के नीचे खड़े रहकर ट्रेन पकड़ने को यात्री मजबूर हैं। यह हाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक व दो दोनों का है। प्लेटफार्म का अधिकांश हिस्सा शेड विहीन है। खासकर प्लेटफार्म नंबर एक पर लंबी दूरी की ट्रेन का आधा हिस्सा शेड विहीन हिस्से में ही लगती है। वहीं प्लेटफार्म नंबर दो पर बारिश के दिनों में ट्रेन पकड़ने पहुंचने वाले यात्रियों को घुटना भर पानी पार कर प्लेटफार्म पर पहुंचना पड़ता है और भिगते हुए ट्रेन पकड़ना पड़ता है।


प्लेटफार्म नंबर दो में प्रवेश स्थान पर जलजमाव हो जाता है जिससे यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पानी पार कर किसी तरह प्लेटफार्म तक पहुंचने के बावजूद यात्रियों की परेशानी कम नहीं होता है। प्लेटफार्म के शुरूआत में कोई शेड नहीं होने से काफी दूर भिगकर जाना पड़ता है और तो और जब बारिश के बीच प्लेटफार्म पर ट्रेन पहुंचते है तो यात्री भिगंते हुए ट्रेन पकड़ते हैं। किशनगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक की लंबाई 612 मीटर है जबकि प्लेटफार्म नंबर दो की लंबाई 562 मीटर है। दोनों प्लेटफार्म पर आधा से कम हिस्सों पर ही शेड लगा हुआ है जिससे यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि प्रतिवर्ष किशनगंज रेलवे स्टेशन से रेलवे मंत्रालय को लाखों रुपये की राजस्व प्राप्ति होता है। इसके बावजूद रेलवे मंत्रालय के द्वारा यात्रियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। किशनगंज रेलवे स्टेशन अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्य सीमा पर बसा है। इसीलिए स्टेशन का राजस्व प्राप्ति अन्य स्टेशनों से अधिक है और यात्रियों की संख्या भी अधिक है। इसके बावजूद आज भी कई यात्री सुविधाओं से वंचित हैं। यहां से सिर्फ किशनगंज के यात्री ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के कई जिलों के यात्री के साथ नेपाल और बांग्लादेश की यात्री भी इस स्टेशन से ट्रेन पकड़ने पहुंचते हैं।
इंडिकेटर बोर्ड को बदलने का दिया गया था आदेश
रेलवे स्टेशन पर यात्री शेड की ही कमी नहीं है बल्कि प्लेटफार्म पर लगे कोच इंडिकेटर डिस्प्ले बोर्ड भी वर्षों से खराब पड़ा है, जिसके कारण यात्रियों को ट्रेन में सफर के दौरान कोच की सही जानकारी नहीं मिल पाता है जिस कारण कई बार यात्रियों की ट्रेन तक छूट जाते हैं। वहीं कुछ माह पूर्व एक्सेलरेटर का उद्घाटन करने पहुंचे कटिहार डीआरएम ने पुराने कोच इंडिकेटर बोर्ड को बदलकर नया लगाने का आदेश दिया था। लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी डीआरएम का आदेश का पालन अब तक नहीं हुआ है और आज भी दोनों प्लेटफार्म पर कोच इंडिकेटर बोर्ड खराब पड़ा है। वहीं प्लेटफार्म नंबर एक पर बने कई पुराने भवन में संचालित आफिस व दुकानों में बारिश के दिनों पानी गिरता है। जिससे यात्रियों के साथ-साथ दुकानदारों को काफी परेशानी होती है।

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