अवैध नर्सिग होम की नहीं हुई जांच, खानापूर्ति साबित हुआ डीएम का आदेश

संवाद सहयोगी, किशनगंज : शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर चलने वाला काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों की कीमती जान मुंहमांगी रकम देने के बाद भी जा रही है। अवैध तरीके से चल रहे नर्सिंग होम के खिलाफ जांच का आदेश भी ठंडे बस्ते में चला गया है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में अवैध रूप से चलने वाले नर्सिंग होम की जांच के लिए डीएम के आदेश पर टीम का गठन किया गया था। इसके साथ ही 17 वैध नर्सिंग होम की लिस्ट भी भी संलग्न की गई थी। अवैध नर्सिंग होम संबंधित रिपोर्ट एक हफ्ते में सौंपने को कहा गया था। इसके लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी गई थी। इसके साथ ही जांच टीम में किसी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को शामिल नहीं किया गया था। लेकिन अबतक आदेश केवल खानापूर्ति साबित हुई अबतक जांच के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।


किशनगंज जिले में नर्सिंग होम से जुड़े विवादित मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार अवैध व बिना स्वास्थ्य विभाग से निबंधन के नर्सिंग होम का लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बदस्तुर जारी है। ऐसे निबंधित नर्सिंग होम की संख्या डीएम के जारी जांच प्रपत्र के आधार पर 17 थी। जबकि जिले में सैकड़ो नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित हैं। शहरी क्षेत्र में रैकेट के तहत इनका कारोबार चलता है। ग्रामीण इलाकों के मरीजों को बेहतर डाक्टर व कम खर्च में इलाज का झांसा देकर यह काम धड़ल्ले से चल रहा है। इनमें कई वैध डाक्टरों ने भी क्लिनिकल इस्टैब्लीस्मेंट एक्ट का उल्लंघन कर गैर निबंधित अस्पतालों का संचालन कर रहे हैं। इनरी जांच के लिए डीएम ने 10 जुन को आदेश जारी किया था। ऐसे नर्सिंग होम की जांच के लिए शहरी क्षेत्र के लिए नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी के साथ ही सीओ को जिम्मेवारी सौंपी गई थी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से चलते स्वास्थ्य प्रदाताओं की जांच कर सूची बनाने की जिम्मेवारी नंप कार्यपालक पदाधिकारी व अंचलाधिकारी को सौंपी गई थी। जिले में जांच की देखरेख का कार्यभार सदर एसडीओ को दिया गया था।

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