मनरेगा में कार्य किए बिना मजदूरों का तैयार हो रहा मास्टर रोल

संवाद सहयोगी, लखीसराय : क्षेत्र के विकास के साथ-साथ मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर केंद्र सरकार मनरेगा चला रही है। बावजूद अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों एवं बिचौलियों के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सही तरीके से जमीन पर नहीं उतर पा रही है। यह योजना लूट का चारागाह साबित हो रहा है। मनरेगा में अधिकांश काम मैनेज सिस्टम से होता है और योजना की राशि डकार ली जाती है। जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत उरैन पंचायत में मनरेगा योजना की कई योजनाओं पर काम कराए बगैर राशि की निकासी की जा रही है। मजदूरों के कार्य किए बिना मास्टर रोल तैयार हो रहा है। योजना की राशि में तय कमीशन के कारण इसकी जांच नहीं होती है। पंचायत के आजादनगर में महेश साव के खेत से लेकर ओरैया स्थान मुकेश यादव खेत तक पैन खोदाई का कार्य कराने की कागजी खानापूरी कर राशि की निकासी कर ली गई। उक्त योजना की प्राक्कलित राशि चार लाख 76 हजार 104 रुपये की है। इसमें से गलत मास्टर रोल तैयार कर दो लाख 79 हजार 720 रुपये की निकासी कर ली गई है। आश्चर्य की बात है कि मास्टर रोल जिन मजदूरों के नाम पर तैयार किया गया है, उनमें से अधिकांश लोग कुदाल एवं फावड़ा कभी चलाए भी नहीं हैं। मजदूरी करने से इनका दूर-दूर तक वास्ता नहीं है। संबंधित योजना में कार्य करते हुए मजदूरों का मनरेगा कार्यालय में प्रस्तुत फोटो से मास्टर रोल में दर्शाए गए मजदूरों का मिलान करने पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हो जाएगा। वैसे मास्टर रोल में दर्शाए गए अधिकांश मजदूरों ने मनरेगा में कार्य करने से अनभिज्ञता जाहिर की है। यह तो सिर्फ बानगी है। अन्य योजनाओं की भी स्थिति कमोवेश यही है। सूर्यगढ़ा के कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा) श्रीकांत ने पूछने के बाबत सिर्फ यह कहा कि योजना की जांच कराई जाएगी।


अन्य समाचार