लाटरी संचालक हो रहे मालामाल, कई का उजड़ रहा घर-परिवार

संवाद सहयोगी, मुंगेर : पुलिस के सभी दावों के बाद भी जिला मुख्यालय और जमालपुर इलाके में प्रतिबंधित लाटरी का खेल खूब हो रहा है। धंधा चलाने वाले पुलिस प्रशासन से बेखौफ होकर रात-दिन चला रहे हैं। इस खेल में धंधेबाज मालामाल हो रहे हैं तो जनता कंगाल बन रही है। जिले में 30 से 40 लाख रुपये का खेल हो रहा है। युवा और दूसरे वर्ग के लोग घर की संपत्ति तक दांव पर लगाकर इस खेल में पूरी तरह रम गए हैं। जमालपुर थाना क्षेत्र के सदर बाजार फाड़ी, वलीपुर, लोको रोड, गेट नंबर छह, स्टेशन मोड़, दौलतपुर चौक, ईस्ट कालोनी एमसीएच मोड़, बड़ी आशिकपुर, बद्दीपाड़ा, मुंगेर जिले के कासिमबाजार, पूरबसराय, वासुदेवपुर, चंदनबाग, लल्लू पोखर, पूरबसराय, शादीपुर, नीलम रोड, कोतवाली के समीप, राजीव गांधी चौक इलाके में खूब खेल रहा है। पूरा खेल मैनेज पर चल रहा है। धंधेबाज शातिराना अंदाज से सबकुछ मैनेज केएि है। कई रसूख वालों का हाथ धंधेबाजों पर है। --------------------------- कई घरों के अभिभावक परेशान प्रतिबंधित लाटरी के खेल से कई घरों के युवा शिकार बन रहे हैं। कई अभिभावकों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि पुलिस चाहकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जमालपुर के कई जगहों पर सुबह से रात तक प्रतिबंधित लाटरियां बेची जा रही है। ------------------------------ बड़ा नेटवर्क कर रहा काम शहर में लाटरी का धंधा चलाने वालों का नेटवर्क है, जो एक जगह बैठकर इसे संचालित कर रहा है। सुबह से लेकर शाम तक लॉटरी खेलने वालों की भीड़ लगी रहती है। फोन के माध्यम से भी लोगों को नंबर दिए जाते है और हर घंटे उन नंबर पर निकलने वाली राशि लोगों को मिलती है। राशि का भुगतान वहां पर बैठे लॉटरी गैंग के एजेंट करते है। जबकि खेल कहां से चलता है, इसकी जानकारी किसी को नहीं होती है। लाटरी खेलने वाले लोग दिन भर में दस-दस हजार रुपये तक की नंबर को खरीद कर इस उम्मीद पर बैठे रहते है, दिन भर में कभी न कभी उनके नंबर पर राशि निकलेगी। ----------------------------- कई सरगना है इस खेल में सक्रिय जिला मुख्यालय में भी यह गोरखधंधा काफी पनप रहा है। शहर व आसपास के क्षेत्र में इसका संचालन करने वाले कई गिरोह सक्रिय है। चोरी छिपे लाटरी की ब्रिक्री की जा रही है। लाटरी खरीदने वाले लोग लालच में मेहनत की गाढ़ी कमाई गवां रहे हैं। खासकर रिक्शा चालक, फुटपाथी, दुकानदार व बेरोजगार, नौजवान इन कारोबारियों की जाल में आसानी से फंस रहे हैं। शुरुआत के चंद हजार रुपये जीतकर लोग इन कारोबारियों से जुड़े हैं और फिर बार धीरे धीरे अपना धन गवां बैठते हैं। सेंटिग से पूरा धंधा चल रहा है। टिकट बेचने वाले या टिकट खरीदने वाले इतने गुप्त तरीके से इस खेल में शामिल हैं कि आम लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है। इसमें कई ऐसे माफिया सक्रिय हो गए हैं। इनका सारा काम सेंटिग से चलता है। इसके लिए हिस्सेदारी भी तय की गई है। --------------------------- कोट -जिन इलाकों में अवैध रूप से लाटरी का खेल हो रहा है, उसे पूरी तरह बंद कराया जाएगा। सभी थानेदारों को विशेष दिशा-निर्देश दिया गया है। किसी भी तरह का अवैध कारोबार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। -जग्गुनाथ रेड्डी जलारेड्डी, एसपी।


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