दरभंगा से आपूर्ति होने के कारण गांवों में बाधित रहती है बिजली

संसू, महिषी (सहरसा): तटबंध के भीतर बिजली सुविधा बहाल करने के लिए भेलाही में पावर सबस्टेशन बनाया गया, परंतु कोसी नदी के कारण दरभंगा से इस सब स्टेशन में बिजली की आपूर्ति की जाती है जिसके कारण इस सब स्टेशन के उपभोक्ता बिजली के लिए परेशान रहते हैं। कोसी नदी होकर 33 केवी बिजली के तार को लाने में होने वाले खर्च को देखते हुए भेलाही पीएसएस को दरभंगा जिला के कुशेश्वर स्थान से 33 केवी बिजली उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया जिससे बिजली आपूर्ति में व्यवधान हो रहा है।

सूत्रों की मानें तो कुशेश्वर स्थान की दूरी भेलाही पीएसएस से करीब 42 किमी है। लंबी दूरी से 33 केवी बिजली के पोल और तार आने और बाढ़ के दिनों में मरम्मत नहीं होने से आपूर्ति बाधित हो जाती है। कभी इंसुलेटर में खराबी आ जाती है और ट्रायल लेना पड़ता है तो पीएसएस स्तर से यह संभव नहीं हो पाता है। इसके लिए जिला के वरीय अधिकारी द्वारा दरभंगा के वरीय अधिकारी से आग्रह करने के बाद ही ट्रायल मिल पाता है। एक बार ट्रायल लेने के लिए कम से कम एक घंटा का इंतजार करना होता है जबकि खराब इंसुलेटर की पहचान करने में एक से अधिक वार ट्रायल लेने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में जो खराबी कुछ घंटों में ठीक की जा सकती है उसमें कई घंटे या कई दिन लग जाते हैं। तटबंध के भीतर बने ऐना पीएसएस एवं डरहार पीएसएस को भी भेलाही से जोड़ दिया गया ऐसे लोड बढ़ जाने से समस्या और भी बढ़ गई है। समस्या के समाधान के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा भेलाही में एक पावर ग्रिड बनाने को लेकर विभाग को प्रस्ताव भेजा गया जिसे अबतक स्वीकृति नहीं मिल सकी है।

पावरग्रिड को लेकर जमीन उपलब्ध करवाने से संबंधित कागजात ग्रामीणों द्वारा कार्यपालक अभियंता के कार्यालय को सौंपा गया। बावजूद पावर ग्रिड को स्वीकृति नहीं मिली है।
जानकारी के अनुसार, एक पावर ग्रिड के निर्माण में कम से कम 16 करोड़ की आती है लागत। दूसरे विकल्प के रूप में अगर भेलाही को सिहौल ग्रिड से जोड़ा जाए तो कोसी नदी में 33 केवी तार पार करने के लिए उच्च स्तरीय पोल का निर्माण करवाना पड़ेगा जिसमें प्रति पोल कम से कम दो करोड़ की लागत लगने का अनुमान है।

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