दावे कुछ हकीकत कुछ, अब भी ठेले पर है सिस्टम

संसू.,बड़हिया (लखीसराय) : सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के दावे और हकीकत में बहुत अंदर है। गुरुवार को दिन में जहां राज्य के मुख्यमंत्री जिलों के लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट एवं एडवांस एंबुलेंस जिलों को आवंटन करके रवाना कर रहे थे वहीं उसी रात एक परिवार को बड़हिया स्थित रेफरल अस्पताल में शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। मृतक के स्वजन हारकर ठेले पर शव ले जाने को विवश हुए। मानें तो स्वास्थ्य विभाग का पूरा सिस्टम ही ठेले पर है जो ठेल-ठेल कर चलता है। गुरुवार की देर रात नगर की वार्ड संख्या 15 के गंगा साव के 25 वर्षीय मन्नू कुमार की तबीयत ज्यादा खराब होने पर स्वजन इलाज कराने के लिए रेफरल अस्पताल बड़हिया पहुंचे। यहां आने पर चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद स्वजन शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की मांग करते रहे लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। थकहार कर स्वजन रात में शव को एक ठेले पर अपने घर ले गए। जानकारी के अनुसार मन्नू कुमार टीबी से ग्रस्त थे। उसका इलाज पटना से हो रहा था। गुरुवार की रात को उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। स्वजन उसको तत्काल इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बड़हिया ले गए जहां उसे चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। मृतक की दो वर्ष पूर्व ही शादी हुई थी। दस दिन पूर्व उसकी पत्नी को एक कन्या हुई है। मन्नू कुमार की मौत से उसके स्वजनों का रोते-रोते बुरा हाल हो गया। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि अस्पताल में मृत रोगी को घर भेजने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं है। एंबुलेंस से गंभीर रोगी, गर्भवती महिला एवं बुजुर्ग रोगी को ही लाया एवं पहुंचाया जाता है। शव वाहन की व्यवस्था लखीसराय में है।


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