अनियमिता को लेकर सदर एसडीओ ने मांगा था स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता, खगड़िया। सदर एसडीओ अमित अनुराग के द्वारा गौशाला में हुए वित्तीय अनियमितता को लेकर पिछले दिनों गौशाला संचालन समिति से स्प्ष्टीकरण मांगा गया था। जिसमें सदर एसडीओ द्वारा आडिट रिपोर्ट में एक लाख 53 हजार की वित्तीय अनियमितता पकड़ी गई थी। जिसमें वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 के लिए गौशाला की जमीन की बंदोबस्ती में मौजा खैरी खुटहा से पांच लाख पांच हजार, दहमा से दो लाख 55 हजार, नरैना से 26 हजार पांच सौ और संहौली से 65 हजार पांच सौ यानी कुल आठ लाख 52 हजार रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई। जबकि आडिट रिपार्ट में दिसंबर 2020 में बंदोबस्ती से आय दस लाख पांच हजार रुपये अंकित था। इस प्रकार बंदोबस्ती से प्राप्त राजस्व एवं आडिट रिपोर्ट के अनुसार एक लाख 53 हजार रुपये के अंतर पाया गया था। जिसमें सदस्यों द्वारा संचालन समिति को कहा गया था कि आपसे प्राप्त अभिलेखों के आधार पर अंतर राशि की स्थिति अस्पष्ट है। जो प्रथम ²ष्टया में वित्तीय अनियमितता लग रही है। वहीं वर्ष 2021- 22 का आडिट रिपोर्ट के अनुसार बंदोबस्ती के कुल 10 लाख 39 हजार एक सौ रुपए अंकित है। इस संबंध में बंदोबस्ती के लिए अपनाई गई प्रक्रिया यथा सक्षम प्राधिकारी का आदेश विभागीय परिपत्र का कोई उल्लेख नहीं है। अत: वर्णित अंतर राशि एवं अन्य अस्पष्ट बिदुओं के संदर्भ में साक्ष्य सहित प्रतिवेदन सात जुलाई को उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। वही एक पत्र के माध्यम से अनुमंडल पदाधिकारी ने संचालन समिति से दैनिक मजदूरी पर किसके आदेश पर शांति देवी को घास काटने के लिए रखा गया और इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई। बिना सूचना के शांति देवी को अप्रैल माह 2022 का मासिक वेतन विवरणी में क्रम संख्या 20 पर नामांकित करते हुए भुगतान स्वीकृति हेतु भेजा जाना वित्तीय अनियमितता नहीं तो क्या है। गौशाला संचालन समिति ने कहा कागजी भूल के कारण आडिट रिपोर्ट में आया था वित्तीय अंतर


अनिरुद्ध जालान ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्हें बदनाम करने की साजिश है। बंदोबस्ती में आडिट के दौरान व्यामशाला के जमीन के बंदोबस्ती का एक कागजात छूट गया था। जो एक 53 हजार का बंदोबस्ती रंजीत कुमार यादव को किया गया था। उन्होंने कहा कि यह बंदोबस्ती उनके कार्यकाल में नहीं हुआ था। यह पूर्व मंत्री प्रदीप दालान के कार्यकाल की ही है। अनिरुद्ध जालान ने कहा सदर एसडीओ अमित अनुराग के द्वारा स्प्ष्टीकरण पूछने के बाद उन्हें मेरे द्वारा लिखित रूप से जवाब दिया गया कि रंजीत यादव का बंदोबस्ती आडिट रिपोर्ट में नहीं चढा था। लेकिन बही खाता में अंकित था। जिससे यह स्पष्ट होता है कि बंदोबस्ती में कहीं जरूरी नहीं है। वहीं उन्होंने गौ चारा काटने के लिए रखी गई मजदूर शांति देवी के विषय में कहा कि संचालन समिति के निर्णय और निगरानी में छह हजार छह सौ मासिक वेतन पर रखा गया था। जिसका रोजाना हाजिरी डायरी में उपस्थिति दर्ज किया जाता रहा है। चारा काटने के लिए मजदूर को रखना गौशाला की आवश्यकता थी जिस कारण से शांति देवी को रखा गया था। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद है मुझे तो मात्र एक साल के लिए गौशाला चलाने के लिए दिया गया था। लेकिन कोरोना काल के कारण गौशाला की स्थिति गौशाला मेला नहीं लगने के कारण बदतर हो चुकी थी। वैसे हालात में भी कई बार बीमार पड़ने के बावजूद मेरे द्वारा गौशाला को बेहतर बनाने के लिए कार्य किया गया। जिसमें आज तक का सर्वाधिक 31 लाख 20 हजार छह सौ रुपया आमदनी तक पहुंचाया गया। वही दूध से जहां अधिकतम 14 लाख आमदनी होती थी उसे साढ़े 28 लाख रुपए तक पहुंचाया गया।

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