छह करोड़ के घपले में तीन साल बाद पहली प्राथमिकी

बेतिया। जिले के आठ अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालयों में बच्चों के आवासन से संबंधित सामग्री की खरीदारी में छह करोड़ का घपला मामले में बगहा थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आपूर्तिकर्ताओं, जिम्मेदार शिक्षकों व अधिकारियों की बेचैनी बढ़ी है। बड़ी बात यह है कि बगहा के तत्कालीन एसडीएम ने वर्ष 2019 में घोटाले से संबंधित जांच रिपोर्ट दी थी, लेकिन पहली प्राथमिकी गुरुवार को हुई। फिलहाल 20 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है, लेकिन इसमें कई अन्य की भी संलिप्तता हो सकती है। विभाग की ओर से अभी जांच चल रही है।

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बता दें कि बगहा के तत्कालीन एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी डॉ निलेश रामचंद्र देवरे ने तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी आशुतोष शरण के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर विभाग को भेजा था। उसके बाद विभाग ने तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी को निलंबित कर दिया था। फिलहाल उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चल रही है, जबकि बगहा के तत्कालीन एसडीएम विजय प्रकाश मीणा के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने एसटी-एससी आवासीय विद्यालय चौतरवा, कदमहवा, सिधांव, मधुबनी व मेड्रॉल विद्यालय में खरीद की गई अलमीरा, जग, बाल्टी, टेबल, कुर्सी, पंखा व पठन-पाठन की अन्य सामग्रियों की जांच की थी। ब्रांडेड की जगह लोकल कंपनियों की सामग्रियों की आपूर्ति की बात सामने आई थी, जबकि भुगतान उच्च गुणवत्ता की सामग्रियों के नाम पर आपूर्तिकर्ता को कर दी गई थी। इतना ही नहीं बच्चों की संख्या कम होने के बावजूद अधिक दिखाकर उनके खाना-नाश्ता के नाम पर भी राशि की घालमेल करने की बात सामने आई थी। इस जांच रिपोर्ट को तीन वर्षो तक विभागीय जांच के नाम पर दबाकर रखा गया था। उच्च गुणवत्ता बताकर किया गया भुगतान
सारण जिले के आपूर्तिकर्ता ने 15 लाख रुपये की डस्टबिन आपूर्ति की थी। उसकी क्वालिटी निम्न स्तर की थी, लेकिन भुगतान उच्च गुणवत्ता की हुई थी। भुगतान करने में जिला कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रधान सहायक, संचिका सहायक व नाजिर की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। हालांकि इनके विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके अलावा तत्कालीन आधा दर्जन प्रखंड कल्याण पदाधिकारी तक भी जांच की आंच भी पहुंची थी। उनमें से अधिकांश का यहां से तबादला हो चुका है। हाई कोर्ट तक पहुंचा मामला
आवासीय विद्यालयों में घोटाले का मामला हाई कोर्ट में पहुंचा है। दायर जनहित याचिका में यह बात बताई गई है कि पांच आवासीय विद्यालयों में सामानों की आपूर्ति घटिया की गई है। ग्लोबल इंटरप्राइजेज छपरा व आईना के प्रोपराइटरों को बचाने की कोशिश की जा रही है। इसमें जिला कल्याण पदाधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है। इसी कारण इनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि बगहा के तत्कालीन एसडीएम की जांच रिपोर्ट में इन दोनों आपूर्तिकर्ता एजेंसियों के द्वारा घटिया सामग्री की आपूर्ति करने की बात सामने आई है। बयान
मामला पुराना है। नए सिरे से भी इसकी जांच की हो रही है। फिलहाल, पूर्व की जांच रिपोर्ट के आधार पर 20 लोगों पर बगहा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।
मनोज कुमार
जिला कल्याण पदाधिकारी, पश्चिम चंपारण

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