बाल गृह के कर्मियों से वसूल रहे थे कमीशन, कार्रवाई से पूर्व तीन नपे

दरभंगा । दरभंगा बाल गृह में कई स्तरों पर अनियमितता की गई है। मामला तब सामने आया है जब बाल गृह का संचालन करनेवाली संस्था के खिलाफ जांच हुई है और इसकी बाबत पत्राचार किया गया। हकीकत परत दर परत खुल रही है। इस बार जो बात सामने आई है, उसको जानकर सभी दंग है। बच्चों की देखरेख में तैनात कर्मियों के मानदेय पर कमीशन लेने के मामले में संचालक संस्था के खिलाफ कोई कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन इससे जुड़े तीन कर्मियों को सेवामुक्त कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि जांच गोपनीय पत्र पर हुई। मामला सत्य पाए जाने का खामियाजा अल्प मानदेय भोगी कर्मियों उठाना पड़ा। समय की ताक में रहे संचालक संस्था (एनजीओ) ने संबंधित तीन कर्मियों को अंदर ही अंदर चिन्हित कर कार्य से मुक्त कर दिया। इसमें स्पेशल ऐडुकेटर पद पर तैनात अमित कुमार, गृह पिता राहुल कुमार सिंह और नाइट गार्ड राजा कुमार शामिल हैं। तीनों पर कई गंभीर आरोप लगे। जबकि, किसी को भी हटाने से पूर्व कारण बताओ नोटिस नहीं किया गया। नहीं जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से जांच ही कराई गई। हद तो यह कि कर्मियों को हटाने से एक माह पूर्व नोटिस भी नहीं दी गई। यह प्रावधान समाज कल्याण विभाग की ओर से तय किया है। गजट में यह भी उल्लेखित है कि कर्मियों की नियुक्ति और हटाने के संपूर्ण प्रक्रिया में जिला संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक का अनुमोदन अनिवार्य है। विभाग ने यह भी प्रावधान किया है कि किसी कर्मियों के मानदेय में कटौती करने पर अथवा गृह के अतिरिक्त कोई काम लेने पर सहायक निदेश समुचित कार्रवाई कर सकते हैं।


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गोपनीय पत्र पर हुई जांच तो खुली एनजीओ की कलई :
बाल गृह में कार्यरत अल्प मानदेय भोगी कर्मियों से अवैध राशि की वसूली की शिकायत मिलने पर तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को जांच करने का आदेश दिया था। इसमें जब जांच किया गया तो पता चला कि आवेदन देने के बाद वसूली को बंद कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में जांच अधिकारी ने अपने निष्कर्ष में माना कि की जाने वाली वसूली गलत एवं अवैध है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक को सकारात्मक और प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कहा- कर्मियों से अवैध कटौती किसी के द्वारा नहीं किया जाए। इस रिपोर्ट पर तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने पांच मार्च 2021 को सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक को जांच प्रतिवेदन के आलोक में नियमानुसार कार्रवाई कर तत्संबंधी प्रविदेन समर्पित करने का निर्देश दिया। लेकिन, इस आलोक में कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि, 15 मार्च 2021 को जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने बाल गृह के संचालन करने वाले एनजीओ से पत्राचार जरूर किया। इसमें उन्होंने लिखा है कि जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के जांच में यह पाया गया है कि बाल गृह में कार्यरत कर्मियों के अल्प मानदेय से अवैध वसूली की जाती थी। आवेदन देने की जानकारी मिलने पर मानदेय भुगतान के एवज में अवैध वसूली को बंद कर दी गई है। ऐसी स्थिति में यह कृत विभागीय आचार संहिता के विरूद्ध और निदनीय है। पीड़ित कर्मियों के दावा करने पर संबंधित राशि की वसूली की जाएगी। साथ ही यह चेतावनी दी गई कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृति होने पर संचालन कार्य से मुक्त करने की अनुशंसा के साथ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, जिलाधिकारी के आदेश का आज तक अनुपालन नहीं कराया गया। इससे पूर्व भी सामाज कल्याण विभाग के निदेशक राज कुमार ने जिला बाल संरक्षण इकाई को कर्मियों से अवैध वसूली के मामलों की जांच कर स्पष्ट प्रतिवेदन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया था। लेकिन, यह भी कागज पर ही रह गया।
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