आंगनबाड़ी केंद्रों की नहीं हो रहा नियमित निरीक्षण

संसू, सत्तरकटैया (सहरसा) : प्रखंड क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। पर्यवेक्षिका द्वारा नियमित निरीक्षण नहीं होने के कारण सेविका अपने मनोनुकूल केंद्र संचालित कर रही हैं। परिणाम स्वरूप केंद्र संचालन के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। केंद्र पर बच्चों की उपस्थिति से यही प्रतीत होता है कि यहां बच्चों को स्कूल पूर्व की शिक्षा बस कागजों पर दी जा रही है।

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नाममात्र रहती हैं बच्चों की उपस्थिति
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प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में संचालित करीब तीन दर्जन आंगनबाड़ी केंद्रों को छोड़ अधिकांश केंद्रों पर नाममात्र ही बच्चों की उपस्थिति रहती है। इसकी जानकारी विभाग के सभी बड़े और छोटे अधिकारियों को भी रहती हैं। मगर, वे जानबूझ कर अनजान बने रहते हैं जबकि विभाग द्वारा नए नियम लागू होने के बाद केंद्र खुलने एवं बंद होने से कुछ समय पहले प्रत्येक केंद्रों द्वारा केंद्र संचालन का फोटो विभागीय ग्रुप पर भी भेजा जाता है जिसमें बच्चों की उपस्थिति से ग्रुप से जुड़े सभी अधिकारी भी अवगत होते हैं।

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नहीं हो रहा है नियमित निरीक्षण
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आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने और विभागीय नियमानुसार केंद्र संचालित कराने के लिए बाल विकास परियोजना कार्यालय सत्तरकटैया में पांच महिला पर्यवेक्षिका पदस्थापित हैं। पदस्थापित पर्यवेक्षिका- आवंटित पंचायत का नाम
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अनुष्ठा कुमारी - बिहरा , पटोरी एवं पंचगछिया
शिखा स्वर्णकार - बरहशेर , पुरीख एवं रकिया
रेखा कुमारी - बारा , सिहौल , शाहपुर एवं ओकाही
मनीषा कुमारी - सत्तर एवं बिजलपुर
स्नेहा प्रिया - भेलवा एवं विशनपुर
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कोट
केंद्र पर बच्चों की उपस्थिति कम होना गंभीर मामला है। सभी महिला पर्यवेक्षिका को नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। केंद्र पर बच्चों की उपस्थिति कम रहने के लिए सेविका एवं पर्यवेक्षिका दोनों जिम्मेदार हैं। जांच कर कार्रवाई की जाएगी। भारती झा, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सत्तरकटैया।

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