खरीफ में भी खाद के लिए मच सकता है हाहाकार

संस, सहरसा : धान की खेती के लिए किसानों ने तैयारी प्रारंभ कर दिया है। हालांकि प्रारंभिक दौर में अभी खाद की जरूरत प्रारंभ होने में थोड़ा वक्त है। इसके लिहाज से जिले में वर्तमान समय में खाद कमोवेश उपलब्ध है, परंतु मांग के अनुसार इसकी मात्रा ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। अप्रैल से सितंबर तक जिले को यूरिया, डीएपी, एमओपी, एनपीके, एसएसपी 26702 एमटी का आपूर्ति प्लान है। वहीं तीन महीना बीत जाने के बाद सभी खाद मिलाकर मात्र 8267.384 एमटी प्राप्त हो सका है। एक पखवाड़े के बाद किसानों खाद की जरूरत तेज होगी, ऐसे में अगर समय रहते रैक नहीं मिला खाद के लिए हाहाकार मच सकता है।


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रबी की खेती के समय खाद के लिए दर-दर भटकते रहे पीड़ा
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रबी की खेती के समय किसान रतजग्गा कर अहले सुबह से शाम तक खाद की दुकान पर कतार में लगते थे और अधिकांश लोग वहां से बिना खाद लिए शाम को घर वापस चले जाते थे। खाद के लिए कतार में लगातार खड़े रहने के कारण कांप बाजार में एक किसान की मौत भी हो गई, परंतु खाद जिले को तब मिला, जब किसानों की जरूरत समाप्त हो गई। ऐसे में खरीफ के समय भी किसान खाद को लेकर बेहद चितित हैं।
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जिले में विभिन्न खाद का आपूर्ति प्लान व उपलब्धता एमटी में
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खाद का नाम- आपूर्ति योजना - उपलब्धता
यूरिया- 16500- 5054.084
डीएपी- 4200- 2047.550
एनपीके- 3501- 650.750
एमओपी- 2501- 515.000
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किसानों को खाद की कमी नहीं हो, इसके विभाग पूरी तरह तत्पर है। राज्य से प्लान के अनुसार खाद की मांग की गई है। किसानों को जरूरत पड़ने पर सभी खाद का रैक प्राप्त हो जाने की पूरी संभावना है। वितरण व्यवस्था पर नजर रखने के लिए भी कमेटी गठित की गई है।
ज्ञानचंद्र शर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।

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