सिजेरियन नहीं कराने वाले चिकित्सक के विरुद्ध करें कार्रवाई : डीएम

संवाद सहयोगी, लखीसराय। एक गरीब परिवार की प्रसव पीड़िता शुक्रवार को सिजेरियन प्रसव कराने के लिए सदर अस्पताल स्थित प्रसव कक्ष में करीब 11 घंटे दर्द से तड़पती रही। बावजूद उसका सिजेरियन नहीं कराया गया। सदर अस्पताल प्रशासन एवं सिविल सर्जन को उसपर जरा भी दया नहीं आई। जानकारी मिलने पर जिला परिषद अध्यक्ष रविरंजन सिंह उर्फ टनटन ने सदर अस्पताल प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू किया तो शाम छह बजे सदर अस्पताल प्रशासन ने गुड्डी देवी से प्रसव कक्ष की पंजी पर जबरन स्वेच्छा से अस्पताल से जाने की बात लिखवाकर निजी क्लीनिक भेज दिया। इस बात की जानकारी मिलते ही शनिवार को जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह सदर अस्पताल पहुंचे। प्रसव कक्ष जाकर गुड्डी देवी के सिजेरियन प्रसव नहीं कराए जाने से संबंधी पूरी जानकारी ली। ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने जिलाधिकारी को प्रसव कक्ष का रजिस्टर दिखाकर बताया कि शाम छह बजे गुड्डी देवी स्वेच्छा से अस्पताल से चली गई। इसपर डीएम ने असहमति जताई। डीएम ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. राकेश कुमार को गुड्डी देवी का सिजेरियन नहीं कराने के लिए दोषी चिकित्सक के विरुद्ध सिविल सर्जन की सहमति के बिना कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को चिकित्सकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सीधे हर संभव कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके लिए सिविल सर्जन से अनुमति लेने अथवा सिविल सर्जन को अनुशंसा करने की जरूरत नहीं है। जरूरत पड़ने पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद डीएम पैथालोजी जांच घर जाकर जांच से संबंधी जानकारी ली। इस दौरान सिविल सर्जन डा. डीके चौधरी, डीपीएम मु. खालिद हुसैन, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. राकेश कुमार, प्रबंधक नंद किशोर भारती आदि मौजूद थे।


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