सहकारी समितियों ने जमा नहीं कराया 4156 एमटी सीएमआर, कार्रवाई की तैयारी में विभाग

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। जिले में धान अधिप्राप्ति की तिथि समाप्त हुए चार माह बीत गए है लेकिन अभी तक समितियों द्वारा पूरा चावल विभाग को जमा नहीं कराया गया है। निर्धारित 63103.19 एमटी चावल में 58947. 27 एमटी सीएमआर ही एसएफसी को जमा कराया गया है। समितियों के पास अभी तक 4156 एमटी सीएमआर बकाया है। विभाग ने ऐसे पैक्स और व्यापार मंडल को चिन्हित कर उन्हें 15 जुलाई तक हर हाल में बकाया चावल जमा कराने का निर्देश दिया है अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। सहकारिता विभाग के अधिकारी ने बताया कि निर्धारित अवधि में चावल जमा नहीं करने वाले पैक्स और व्यापार मंडल को सस्पेंड करने की तैयारी चल रही है।


जिले में इस बार 94183.86 एमटी धान की हुई है खरीदारी
जिला सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 14761 किसानों से रिकार्ड 94183 एमटी धान की खरीदारी हुई है। जिसका समानुपातिक रूप से 63103.19 एमटी सीएमआर जमा होना था। लेकिन अभी तक जिले में सिर्फ 58947. 27 एमटी सीएमआर जमा हुआ है। जो कुल का 93.41 प्रतिशत है। जिले में अभी भी 144 लाट सीएमआर यानि 4156 एमटी सीएमआर जमा होना है। सहकारिय विभाग के अनुसार जिले में सिर्फ पूर्णिया पूर्व प्रखंड को छोड़ कर अमूमन सभी प्रखंडों में सीएमआर बांकी है जो एसएफसी के गोदामों में नहीं पहुंचा है ।
कसबा प्रखंड के पैक्सों के पास सबसे अधिक बकाया
सहकारिता विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार जिले में सबसे अधिक कसबा प्रखंड में पैक्सों के पास चावल बकाया है। यहां के अमूमन सभी पैक्सों में सीएमआर बकाया है। कसबा प्रखंड के 14 पैक्स व व्यापार मंडल में लगभग 746 एमटी सीएमआर बकाया है। जिसमें घरदौड़ व सधुवैली में 5-5, कुल्लाखास में 4, बोचगांव व गुरही में 3-3, संझैली पैक्स में 2 लाट के अलावा मोहनी टीकापुर, भमरा लगान व बनैली पैक्स में 1-1 लाट का सीएमआर बकाया है। कसबा प्रखंड के अलावा केनगर में 715 एमटी, रुपौली प्रखंड में 484 एमटी, भवानीपुर में 464 एमटी, जलालगढ़ में 376 एमटी, बीकोठी में 312 एमटी, अमौर में 308 एमटी, बनमनखी 269 एमटी, श्रीनगर 192 एमटी, बैसा में 154 एमटी, डगरुआ में 116 एमटी, धमदाहा में 84 एमटी सीएमआर बकाया है।
एसटीआर देने में की गई थी देरी
जिले में शत-प्रतिशत सीएमआर जमा नहीं होने के कारण से सहकारिता विभाग ने पैक्सों और व्यापार मंडलों को अल्टीमेटम दिया है वहीं पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि विभाग द्वारा एसटीआर देने में देरी करने के कारण से धान खरीदारी में देरी हुई थी। उसके बाद अचानक ने विभाग ने अरबा चावल की जगह उसना चावल की मिलिग करवाने का निर्देश दे दिया। लेकिन जिले में उसना चावल तैयार करने वाले मिलों की संख्या कम थी इस कारण से भी अभी तक शत-प्रतिशत सीएमआर जमा नहीं कराया जा सका है।

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