हादसे को आमंत्रण दे रहा विद्यालय भवन

संवाद सूत्र, परबत्ता (खगड़िया) : इंटर विद्यालय कन्हैयाचक में बीते शुक्रवार को छत के साथ लगी छज्जी टूटने से उसपर बैठी तीन छात्राएं नीचे गिरकर जख्मी हो गई। जिसका इलाज अब भी चल रहा है। हादसे का कारण भवन का जर्जर होना है। हादसे के बाद लोग भवन की जर्जरता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र के कई विद्यालयों की स्थिति काफी जर्जर है। हादसा के बाद विभाग इससे सबक नहीं ले रहा है। जर्जर भवन को दुरुस्त कराने की दिशा में पहल नहीं हो रही है। प्रखंड में ऐसे कई विद्यालय उदाहरण हैं। जिसमें एक जगरनाथ राम इंटर विद्यालय सलारपुर भी है। उक्त विद्यालय की स्थापना 1948 में हुई। स्थापना के कुछ वर्ष बाद यहां 10 कमरे का विद्यालय भवन बना। जिसमें वर्ग कक्ष के साथ कार्यालय आदि संचालित होता है। दशकों पूर्व बने भवन काफी जर्जर हो चुके हैं। हाल यह है कि छत का प्लास्टर टूट- टूटकर कर गिरता रहता है। जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इस विद्यालय को कुछ वर्ष पूर्व इंटर की मान्यता मिली है। इंटर की पढ़ाई भी आरंभ की गई। परंतु भवन को लेकर अब तक कोई पहल नहीं हुई है। ऐसे कई विद्यालय उदाहरण हैं। कई प्राथमिक विद्यालय को भवन तक नहीं है। जाने अन्य विद्यालयों की स्थिति


प्रखंड क्षेत्र में कुल 70 प्राथमिक विद्यालय और 69 माध्यमिक विद्यालय है। जिसमें आधे दर्जन से अधिक विद्यालयों को भवन नहीं है। ऐसे विद्यालयों में प्राथमिक विद्यालय नयावास, सतखुट्टी, प्राथमिक विद्यालय खीराडीह, उत्तर प्राथमिक विद्यालय खनुआ राका, तारणी प्राथमिक विद्यालय कुल्हड़िया पूर्वी, प्राथमिक विद्यालय कुर्मी टोला, श्रीरामपुर ठुठी आदि हैं। जो अन्य जगह पर टैंगिग में चल रहे हैं। इंटर विद्यालय डुमरिया बुजुर्ग, हरिवंश नारायण इंटर विद्यालय महद्दीपुर बंदेहरा, इंटर विद्यालय भरतखंड, उच्च विद्यालय मथुरापुर समेत कई विद्यालय के भवन जर्जर हैं। इसके अलावा करीब एक दर्जन प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के भवन भी जर्जर हैं। कोट
विद्यालय भवनों की जांच के लिए इंजीनियरिग सेल का गठन किया गया है। वे जर्जर भवन की जांच करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्यवाही होगी। जिस विद्यालय को भूमि है उसके भवन निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। भवन विहीन विद्यालय फिलहाल दूसरे विद्यालय में शिफ्ट कर टैगिग पर संचालित है। कृष्णमोहन ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया।

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